उत्तर प्रदेश में बदहाल हो चुकी पुरानी पटरियां लगातार चटक रही हैं। सालों से मरम्मत कार्य ना होने से आये दिन रेल हादसे भी होते हैं बावजूद इसके रेल प्रशासन आंख में पट्टी बांधकर बैठा है। ताजा मामला उन्नाव जिला का है। यहां गुरुवार सुबह लखनऊ-कानपुर के व्यस्त रेल रूट पर एक बार फिर बड़ा हादसा टल गया। इस रूट पर आज सरैया क्रॉसिंग के पास कई ट्रेन टूटी पटरी से गुजर गईं। इसके कुछ देर बाद ट्रैकमैन की नजर टूटी पटरी पर पड़ी तो उसने तत्काल स्टेशन मास्टर को दी।
डाउन लाइन पर हुआ रेल फैक्चर
इसके बाद कई ट्रेन को गंगा घाट रेलवे स्टेशन पर रोका गया। पटरी टूटने की सूचना मिलने के बाद पुष्पक एक्सप्रेस, झांसी पैसेंजर गंगाघाट स्टेशन पर रोकी गई। दो मालगाड़ियां भी रोक दी गईं। इसके पीछे एलकेएम, जयपुर-लखनऊ एक्सप्रेस को रोका गया।
ट्रैक को जांचने पहुंची रेल पथ की टीम ने बिना देरी के कार्य शुरू किया। पीडब्ल्यूआइ विकास कुमार ने बताया कि ट्रैक को सही कराया जा रहा। ट्रेनों को कॉशन से चलाया जा रहा। पटरी टूटने के घंटो बाद तक मरम्मतकार्य चलता रहा। काफी देर बाद इस रूट से ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया।
दुर्घटना ग्रस्त होने से बची अवध एक्सप्रेस
जानकारी के मुताबिक, कानपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर सुबह फिर एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यहां सरैया क्रॉसिंग व छमकनाली के पास टूटी पटरी (ट्रैक) से धड़धड़ाते हुए कई ट्रेन निकल गई।
यहां भी काम कर रहे ट्रैकमैन की नजर टूटी पटरी पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए। उसने स्टेशन मास्टर को सूचना दी। इसके बाद कई ट्रेन को गंगाघाट स्टेशन पर रोका गया। इंजीनियर रेल पथ को घटना की जानकारी दी गई है।
पेट्रोलिंग कर रहे गैंगमैन की पड़ी नजर:
कल देर रात ऊंचाहार एक्सप्रेस गंगाघाट स्टेशन के ऋषि नगर केबिन पर टूटी पटरी से निकल गई थी। वहां मौजूद ट्रैक मैन धीरज कुमार की नजर ट्रैक पर पड़ी तो उसके हाथ पांव फूल गए।
फौरन वह साथी कर्मचारी के साथ ट्रैक के पास पहुंचा। इसके बाद आज सुबह करीब दस बजे उसने छमक नाली के पास ट्रैक क्षतिग्रस्त देखा। रेल संरक्षा और यात्री सुरक्षा की लिहाज से उसने फौरन गंगाघाट स्टेशन मास्टर को फोन किया। डाउन की अन्य ट्रेनों को रास्ते में रोका गया।
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