उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के निकट रविवार सुबह तड़के करीब 3:10 बजे पुखरायां स्टेशन पर पटना से इंदौर जा रही पटना-इंदौर एक्सप्रेस (19321) की 14 बोगियां अचानक पटरी से उतर गईं थीं। इस भीषण ट्रेन हादसे में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 500 से अधिक लोग घायल हो गये थे। अभी इस हादसे को हुये कुछ दिन ही हुये हैं कि रेलवे की एक और सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते पटना-इंदौर एक्सप्रेस जैसा एक और बड़ा हादसा हो सकता था। ताजा मामला मेरठ का है।
यात्रियों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ करता रेलवे :
- यह घटना मेरठ की है।
- मेरठ में दौराला के सकौती रेलवे स्टेशन से आगे दादरी की ओर रेलवे ट्रैक पर एक बड़ी सी दरार पाई गयी।
- इस रेलवे ट्रैक की क्लिप भी गायब थी।
- इसी फ्रैक्चर हुए ट्रैक पर दौड़ाई गयी देहरादून और नौचंदी एक्सप्रेस जैसी सुपर फ़ास्ट ट्रेनें।
- इस टूटे हुये ट्रैक पर किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
- मगर एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई।
- इस दरार आई ट्रैक पर ही अपनी फुल स्पीड से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस और नौचंदी एक्सप्रेस गुजर चुकी थी।
- जब इस बात की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को मिली तब उन्होंने इस ट्रैक को अस्थायी रूप से ठीक कराया।
- अब सवाल ये उठता है कि रेलवे की इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ?
- क्या रेलवे के अधिकारी किसी बड़ी घटना के होने का इंतजार करते हैं ?
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