आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इसके पहली इसी साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजनैतिक पार्टियों के बीच लड़ाई बेहद दिलचस्प होती जा रही है। राज्य में कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची आने के बाद से लगातार जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने भी राज्य में कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। राजस्थान में समाजवादी पार्टी से गठबंधन की तैयारी कांग्रेस कर चुकी थी लेकिन सपा ने कांग्रेस का गठबंधन का ऑफर ठुकरा दिया है।
सपा को 3 सीटें दे रही थी कांग्रेस :
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को कांग्रेस 3 सीटें दे रही थी। ये तीनों ही सीटें मुस्लिम-यादव बाहुल्य अलवर ज़िले की थीं। खबर है कि सपा को कांग्रेस अलवर की राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, तिजारा और मुंडावर सीट देने की कोशिश में थी। साथ ही यूपी में सपा की सहयोगी RLD को भी कांग्रेस राज्य में 2 सीटें देने पर प्लानिंग कर रही है। गठबंधन पर RLD ने अभी अपना रूख साफ नहीं किया है जबकि समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन से सीधे इंकार कर दिया है। अब राजस्थान में बसपा की तरह सपा भी अकेले चुनाव लड़ेगी। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है।
बातचीत का नहीं निकला नतीजा :
राज्य में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूढ़ी और सपा के राजस्थान प्रभारी संजय लाठर के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत हुई थी। इसके बाद शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बातचीत की लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के रवैये से नाराज़ अखिलेश यादव ने राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया और कांग्रेस के गठबंधन वाले फॉर्मूले को सिरे से नकार दिया।
यूपी में बसपा और सपा के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही है। पहले बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस से दूरी बनायी और अब मायावती की नाराज़गी के कारण अखिलेश भी कांग्रेस से दूर हो चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस का सपा और बसपा के गठबंधन से बाहर होने लगभग तय हो गया है।
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