उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चाएँ हो रही हैं। अब इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। सपा के राष्ट्रीय सचिव और मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आज सपा के लखनऊ स्थित कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस की जहाँ पर डीजीपी की नियुक्ति से लेकर कई मुद्दों पर राजेंद्र चौधरी ने सपा पर हमला बोला।
डीजीपी को लेकर आक्रामक हुई सपा :
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी नियुक्ति के मुद्दे पर योगी सरकार पर निशाना साधा। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने प्रेस कांफ्रेस करते हुए कहा कि योगी सरकार के पास डीजीपी के लिए कोई और विकल्प नही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में ‘चहेते’ को डीजीपी बनाने की कवायद हो रही है। ‘चहेते’ की ताजपोशी में देरी के कारण पुलिस का मनोबल गिर रहा है। 20 दिन से पुलिस मुखिया की नियुक्ति ना होने के कारण उनके अधीनस्थों का मनोबल गिर चुका है। उत्तर प्रदेश में कायम जंगलराज के चलते रोज हत्या, लूट, बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं। यूपी दिवस पर ‘यूपी का नवनिर्माण’ सिर्फ दिखावा से ज्यादा कुछ नहीं है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनहित के बजाय सिर्फ चुनावी तैयारियों पर काम कर रही है। जनसमस्याओं से हटकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर ज्यादा ध्यान दे रही है राज्य सरकार।
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कानून व्यवस्था में हो सुधार :
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था का बुरा हाल हो चुका है। पिछले 20 दिन से कोई डीजीपी नही है, बगैर पुलिस मुखिया के योगी सरकार काम कर रही है। जिस तरह से अपराधिक घटनाएं हो रही है, उससे साफ जाहिर है कि यूपी में सरकार नाम की कोई चीज नही रह गयी है। उत्तर प्रदेश में अराजकता का माहौल है, जंगलराज कायम हो चुका है, किसी की जान-माल सुरक्षित नही है। राज्यपाल महोदय ने कहा है कि यूपी में कानून व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
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राजधानी नहीं है सुरक्षित :
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राजधानी लखनऊ में पिछले 24 घंटे में लूट, डकैती, हत्या जैसी संगीन वारदातें हो रही है। जब कानून का राज नही है तो कोई इन्वेस्टर्स यहां नही आएगा। योगी सरकार पिछले 10 महीने से अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को छोड़कर महज 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार यूपीकोक़ा ला रही है। इससे लगता है कि यूपीकोक़ा के बगैर सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में अक्षम है।