राजधानी लखनऊ में कवि सम्मेलन हो या फिर कोई सामाजिक कार्यक्रम सफेद बालों वाला लम्बा सा यह शख्स, ढीला ढाला पैजामा और सफेद कुर्ता पहनें आप को हर जगह नज़र आएगा. शहर के तमाम कार्यक्रमों में नजर आने वाला यह शख्स लोगों का अपनी तरफ बढ़ के आने का इंतज़ार नही करता बल्कि वे खुद लोगों की तरफ बढ़कर उनसे हाथ जोड़कर मिलता है.

  • वहीँ यह शख्स छोटो को प्यार, आशीष और उनका अभिनन्दन करता हुआ भी नज़र आता है.
  • इस शख्स को आगे की कुर्सी पर बैठने की कोई ललक नहीं.
  • बल्कि अगर कुर्सी गिरी या टेढ़ी नज़र आ जाये तो यह शख्स खुद उसे सही करने लगता है.
  • चाय-पानी की व्यवस्था को सुव्यवस्थित कराना भी इस शख्स के लिए ऐसा है जैसे उनके घर का ही कार्यक्रम हो.
  • जी हाँ आप सही समझे हम नरही निवासी राजेंद्र नाथ श्रीवास्तव की ही बात कर रहे हैं.
  • हालांकि इन्हें इस नाम से शायद ही कोई जानता होगा.
  • लेकिन भईया जी के नाम से इनको पूरा शहर जानता है.
  • आज भईया जी बेहद अस्वस्थ हैं.
  • जिन्हें नाक में नली डालकर भोजन दिया जा रहा है.
  • उनके शुभचिंतक उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं.
  • ताकि भईया जी एक बार फिर से शहर के कार्यक्रमों और समारोहों की भीड़ में पूरी सक्रीयता के साथ नजर आ जायें.

भईया जी की ज़िन्दगी पर एक नज़र-

  • 86 साल के भईया जी सिविल अस्पताल की आईसीयू में बुढ़ापे के साथ ब्लडप्रेशर और अन्य बीमारियों से लड़ रहे हैं.
  • इस दौरान उनके भतीजे अजय कुमार से भी बात की गई.
  • अजय बताते हैं कि 16 नवम्बर 1930 को वे अपने पिता डॉ रघुबीर शरण श्रीवास्तव के साथ लखनऊ आये थे.
  • जिसके बाद यहीं उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई.
  • उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए, एमए और डिप्लोमा इन सोशल वर्क की पढ़ाई की थी.
  • जिसके बाद ये समाजसेवा में जुट गये.
  • समाजसेवी जिंदगी जीने के चलते भईया जी जीवन भर अविवाहित रहे.
  • भतीजे अजय कुमार बताते हैं कि भईया जी बचपन से ही समाजसेवा से जुड़े थे.

आज़ादी की कई लड़ाइयों में भी शामिल रहे हैं भईया जी-

  • आप को बता दें भईया जी ने आजादी की कई लड़ाईयों में भाग लिया है.
  • मगर उन्होंने कभी कोई दावा पेश नहीं किया.
  • इस दौरान भईया जी पत्रकारिता के क्षेत्र में भी विभिन्न संस्थानों से जुड़ रहे.
  • वर्ष 1959 में भईया जी सभासद भी बने.
  • बता दें कि 1959 में जब नगर पालिका लखनऊ में बनी तो सबसे पहले सभासद भईया जी ही बने.
  • इसके बाद 1990 में वे नरही वार्ड से पार्षद भी रहे.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के करीबी हैं भईया जी-

  • गौरतलब हो कि भईया जी को समाजसेवा के क्षेत्र में 200 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं.
  • आप को बता दें कि भईया जी मदर टेरेसा की संस्था से भी जुड़े रहे.
  • इस दौरान भईया जी ने उनके कार्यालय को जमीन दिलवाने में भी काफी सहयोग प्रदान किया था.
  • यही नही भईया जी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपाई के करीबी रहे हैं
  • भईया जी को भाजपा से जोड़ने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ही थे.
  • इस दौरान कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने इनको सम्मानित भी किया.
  • मगर इनके बीमार होने के बाद कोई वरिष्ठ नेता इनको देखने तक नहीं पहुंचा.
  • यही नही महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा और शिवशंकर शर्मा, दाऊ जी गुप्ता,
  • महंत देव्यागिरि के अलावा और बड़े लोग भी इनसे मिलने नहीं पहुंचे.
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