राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र स्थित आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) में अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) के पद पर तैनात खुशमिजाज राजेश साहनी ने अज्ञात कारणों से अपने कार्यालय में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी आत्महत्या करने के कारणों का पता नहीं अभी तक नहीं चल पाया है। पुलिस अधिकारी की मौत के बाद कई अनसुलझे सवाल उठे तो मामली की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। हलाकि सीबीआई ने अभी तक केस अपने हाथ में नहीं लिया, सोशल मीडिया पर चर्चा है कि साहनी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई अगले हफ्ते केस को अपने हाथ में ले सकती है।
ट्विटर एकाउंट पर तेजतर्रार पुलिस अधिकारी राजेश साहनी के आत्महत्या किये जाने पर सवाल उठाते हुए विनोद कापरी ने लिखा है कि CBI जाँच जिस अफसर के पास जा रही है, वो ATS IG का बैचमेट है। क्या ऐसे में निष्पक्ष जाँच की उम्मीद की जा सकती है? राजेश के पास ATS में सामान ख़रीद में अनियमितता से जुड़ी दो फ़ाइलें थीं। वो दो फ़ाइल अभी कहाँ हैं? सुसाइड वाले दिन (29 मई) को सुबह 7:30 बजे राजेश को ATS दफ़्तर से फ़ोन आया था। इसी फ़ोन ने राजेश से दफ्तर आने को कहा। ये किसका फ़ोन था? दफ़्तर में छुट्टी पर होने के बावजूद राजेश को सर्विस रिवॉलवर क्यों दी गई?
पारिवारिक स्तर पर नहीं था किसी भी प्रकार का कोई तनाव
आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 30 मई को जानकारी दी कि वैकुण्ठ धाम (भैंसाकुंड) में राजेश साहनी के अंतिम संस्कार के समय उनके कई अत्यंत निकट साथियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका पारिवारिक स्तर पर किसी भी प्रकार का कोई तनाव नहीं था और उनकी मृत्यु का जो भी सम्बन्ध है वह निश्चित रूप से उनके सरकारी कामकाज से जुड़ा है। पारिवारिक तनाव की चर्चा से ये लोग अत्यंत आहत थे। हम सभी चाहेंगे कि उनकी अकस्मात मृत्यु से जुड़े समस्त तथ्य यथाशीघ्र सामने आयें।
लम्बे समय तक किया था नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी में काम
बता दें कि एएसपी राजेश साहनी ने लम्बे समय तक नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड में काम किया था। वह कई आतंकी ऑपरेशन का भी हिस्सा रहे। मुख्यालय के अंदर हुई उनकी 29 मई को अस्वाभाविक मौत से कई सवाल उठ रहे हैं। मौत के बाद पीपीएस असोसिएशन ने इस मांग को लेकर एएसपी साहनी की पत्नी सोनी, बेटी सौम्या और पिता प्रेम सागर साहनी से भी मुलाकात की। देर रात तक एफआईआर दर्ज कराने को लेकर परिवार के साथ मंथन चलता रहा। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही मामले की जांच सीबीआई से करवाने का आदेश कर दिया।
परिवार के लिए जुताई गई सहायता राशि
असोसिएशन की बैठक में इस पर भी चर्चा हुई कि जब छुट्टी पर होने के बाद भी एएसपी राजेश साहनी को आफिस बुलाया तो उन्हें ऑन ड्यूटी क्यों नहीं माना जा रहा है? उन्हें ड्यूटी पर मानते हुए परिवार को सभी सरकारी लाभ दिए जाएं। एएसपी राजेश साहनी के परिवार के लिए पीएपीएस एसोसिएशन के लगभग 1300 कर्मचारियों ने 70 लाख की धनराशि जुटाई। इनमें सीओ स्तर से 3000 और एएसपी स्तर से 5000 इकट्ठा कर एएसपी राजेश सहानी परिवार को दी जाएगी। पीपीएस एसोसिएशन ने स्वर्गीय अधिकारी के को न्याय दिलाने के लिए 6 सूत्रीय मांगो में परिवार की सुरक्षा, पत्नी को सरकारी नौकरी, एक करोड़ का मुआवजा, असदाहरण पेंशन, ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु के लाभ और आजीवन सरकारी आवास दिये जाने की मांग की।