- मुख्यालय लखनऊ से लगभग 28 किलोमीटर दूर बेती गाँव।
- लखनऊ-कानपुर मुख्य मार्ग से महज 5 किलोमीटर दूर। गाँव से सटा हाईवे और अच्छी परिवहन व्यवस्था होने से बेती को लखनऊ का निकटवर्ती गाँव है।
- यहां के लोगों का सामान्यतः जीवन खेती है
- गांव प्रधान विकास साहू। साहू बताते हैं कि प्रधान से पहले वो पुष्पा बजाज की एजेन्सी में पानी पिलाने का काम करते थे।
- परिवार की माली स्थिति ठीक नहीं थी, फिर भी अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए बीए किया।
- गाँव के एक मात्र तेली परिवार से आते हैं विकास साहू।
- अपने प्रधान बनने के वाक्ये पर विकास बताते हैं कि 2015 में प्रधान की सीट आरक्षित हो गई।
- तब लोगों ने मुझे चुनाव लड़ने को कहा, चूंकि ब्राह्मण परिवार गाँव में लगभग 85 प्रतिशत हैं, ऐसे में सभी के सहयोग से मुझे प्रधान बनने का अवसर मिला।
- नये रंग-रोगन किये भवन, फर्श पर टाइल्स, पीने के लिए पानी टंकी के साथ नल की सुविधा,
- लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था।
- स्कूल के चारों तरफ बाउण्ड्री। इतनी सुसज्जित व्यवस्था सरकारी विद्यालय
- इस गाँव प्राथमिक, मध्य और राजकीय हाई स्कूल सासंद के गोद लेने के बाद संवर गए हैं,
- लड़कियों के अनुपात में लड़कों की इस वर्ष ज्यादा उपस्थिति है।
- प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि 116 लड़के और 96 लड़की इस साल विद्यालय मे पढ़ने आ रहे हैं।
- विद्यालय के दिन फिरने पर कहती हैं कि पुराने भवन में पढ़ाना तो हमलोगों ने छोड़ दिया था
- एक कमरा था बाकी पूरी बिल्डिंग जर्जर हालत में थी।
- माननीय राजनाथ सिंह के गोद लेने से ही कायाकल्प हो गया, तीनों विद्यालय का।
- गाँव के अन्दर की सड़कें ईंट और कहीं-कहीं सीमेन्ट की बनी हुई हैं।
- ग्रामीणों की माने तो पहले से गाँव में कहीं- कहीं ईंट वाली सड़क थी।
- सांसद निधि से बाकी बची कच्ची सड़क को ईंट और जहां गढ्ढा था वहाँ सीमेन्ट का बनवाया गया है।
- गाँव मे बिजली आयी मायावती के शासन में।
- आदर्श ग्राम बनने के साथ खम्बों पर लाइट लगीं।
- सोलर लाइट लगीं, बिजली पूरे दिन के 22-23 घंटे रहती है।
- खेती के लिए सरकारी ट्यूब बेल बनवाया गया है।
- पानी टंकी बन रही है, जल्द ही घर-घर पीने के पानी आना चालू हो जाएगा।
- वैसे गाँव मे दस हैन्ड पम्प भी लगे हैं।
- बृजमोहन बताते हैं कि जब स्कूल के मरम्मत का काम चल रहा था तभी सांसद महोदय गाँव घूमने आये थे।
- सबने उनसे कहा कि एक बैंक खुल जाता तो लखनऊ का चक्कर काटने से हमलोग बच जाते।
- कुछ ही दिन बाद ओरिएन्टल बैंक की शाखा खुल गयी।
- बैंक से केवल बेती गाँव ही नहीं आस-पास के आठ-दस गाँवों को फायदा मिला।
- शौचालय के मामले में सोच ज्यादा नहीं बदली।
- सरकारी शौचालय ज्यादातर घर के बाहर बने मिले।
- जन-जीवन की सम्पन्नता, मोटर-गाड़ी और बुलेट की रौब ने तो बता दिया की शौचालय तो जरुर होगा।
- फिर भी दरवाजे के बाहर सरकारी शौचालय अपनी उपस्थिति बयां कर रहे थे।
- कहीं-कहीं तो उसे चालू हालत में रखा है
- लोगों ने तो कहीं उसे कंडा घर बना दिया है।
- ग्राम प्रधान विकास साहू के अनुसार बेती को एक योग केन्द्र जल्द ही मिलेगा।
- साथ ही तीनों विद्यालय के लिए भविष्य को देखते हुए माननीय सासंद ने सौर उर्जा पावर प्लाट की नींव रख दी है।
- इस पर तेजी से काम चल रहा है,
- इससे प्राथमिक, मध्य और राजकीय हाई स्कूल को बिजली सप्लाई होगी।
- इण्टर कालेज के लिए दिल्ली से पत्र आ गया है।
- अब अपने गाँव के लड़के-लड़कियों के लिए यही इण्टरकालेज की सुविधा मिलेगी।
- साहू बताते हैं कि पूरी योजना को समय के अन्दर पूरा करने की जिम्मेदारी विधायक स्वाति सिंह को सौंपी गई है।
- वो अक्सर खुद आती हैं और योजना का निरीक्षण करती हैं।
- वैसे राजनाथ सिंह भी अभी तक 5-6 बार बेती आ चुके हैं।
- बदलाव ने देखा कि शहर के पास होने से गाँव की मूलभूत जरुरतों के लिए यहां के बाशिंदों को ज्यादा जूझना नहीं पड़ता।
- जमीन पर बिल्डरों से लेकर छोटे दलालों तक की नजर है।
- 85% ब्राह्मण परिवार वाले गाँव में खेती से लगभग मोह भंग हो चुका है।
- व्यापार, नौकरी और शहरी जीवन का रौब सिर पर सवार है।
- आदर्श ग्राम के सपनों को संवारा है
- माननीय ने, काश इतनी शिद्दत से दूसरे सांसद भी गाँव को सवाँरने में दिलचस्पी लेते।
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