मेरठ से लखनऊ आ रही राज्यरानी एक्सप्रेस (22454) के 7 डिब्बे शनिवार सुबह रामपुर के ओस‍ियापुर के पास पटरी से उतर गए। इसमें से एक डिब्बा पलट जाने से करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए थे। इस ट्रेन हादसे के बाद रेलवे, पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। साथ ही फॉरेंसिक टीम ने भी कई सबूत इकट्ठे किये, घंटों चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद इस ट्रैक पर धीमी गति से ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। इस हादसे में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है।

झटका लगते ही दहशत में आ गए यात्री

  • ट्रेन में सफर कर रहे यात्री जैसे ही बड़ा झटका लगा वैसे ही दहशत में आ गए और चीखने लगे।
  • हादसे में घायल मेरठ के मोहन सिंह, सकीना, मो. जाहिर खां, मो. जावेद, प्रीती, प्रियांश, सिलीगुड़ी की जूही, कानपुर देहात के अमित कुमार, मुजफ्फरनगर के सहदेव सिंह, मुरादाबाद की पूनम भटनागर, अमरोहा के रवींद्र सिंह और मुरादाबाद के मनप्रीत कौर ने दर्द बयां करते हुए कहा कि किसी भी यात्री को कुछ पता नहीं चल पाया।
  • सब कुछ एकदम अचानक हो गया, घायलों ने भगवन का शुक्र कहते हुए कहा कि गनीमत रही कि कोई अनहोनी नहीं हुई।
  • ट्रेन हादसे में घायल हुए व्यक्ति जब अपने परिजनों से मिले तो उनकी आंखों में ख़ुशी के आंसू निकलने लगे।

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  • बता दें कि ट्रेन मेरठ से सुबह 4:55 बजे पर रवाना होती है जो हापुड़, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई होते हुए दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर लखनऊ पहुंचती है।
  • मेरठ से राज्य रानी सुबह करीब 5 बजे रवाना हुई थी।
  • रामपुर से करीब चार किमी पहले अचानक ट्रेन में झटके लगे और डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए। हादसा होते ही लोग एक दूसरे के ऊपर जा गिरे और चीख पुकार मच गई।
  • फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में एडीजी कानून एवं व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है।
  • मौके पर सीनीयर अधिकारियों ने पहुंचकर हालात जाने।
  • उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो चुका है और ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन धीमी गति से शुरू हो गया है।
  • ट्रेन हादसे पर आईजी बरेली विजय प्रकाश ने ट्रेन हादसे के पीछे किसी तोड़ फोड़ या आतंकी साजिश से इंकार करते हुए बताया कि जिस स्थान पर ट्रेन हादसा हुआ उस स्थान पर पटरी में वेल्डिंग की हुई थी।
  • उसी स्थान से पटरी चटकने के कारन यह हादसा हुआ।
  • आईजी की बात से साफ है कि भारतीय रेल विभाग अपने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितना उदासीन है कि जम्मू से लेकर हावड़ा और दिल्ली लखनऊ के बेहद व्यस्त रूट की पटरियां ही न केवल पुरानी और बोसीदा हैं। बल्कि वेल्डिंग के जुगाड़ के सहारे चल रही हैं।

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