11 मार्च को यूपी की 2 लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के बाद सभी दलों की नजर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव पर लगी हुई हैं. विधानसभा में अपनी कम ताकत के कारण सपा सिर्फ 1 सदस्य को ही चुन कर सदन में भेज सकती है. दूसरी तरफ यूपी की जनता से मिले प्रचंड बहुमत के कारण भारतीय जनता पार्टी 10 में 8 सीटें आसानी से जीत सकती हैं. जबकि बसपा भी एक सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर सकती है.
उपचुनाव के बाद होगा राज्यसभा चुनाव :
उत्तर प्रदेश में 11 मार्च को लोकसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इस उपचुनाव के लिए सभी पार्टियां अपनी पूरी तैयारी कर रही हैं. फूलपुर और गोरखपुर सीटें भाजपा के लिए जीतना साख का सवाल है क्योंकि इन दोनों ही सीटों से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जीत चुके हैं. इसके अलावा केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा मार्च में ही राज्यसभा चुनावों की अधिसूचना जारी की गयी है जो 23 मार्च को होने वाला है. इस राज्यसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान जहाँ समाजवादी पार्टी को होगा तो सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को मिलने वाला है. आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए बसपा ने बड़ा दाव खेला है और उपचुनाव में समर्थन के बदले राज्यसभा चुनाव में समर्थन माँगा है.
यूपी की 8 सीटों पर बीजेपी की नजर
निर्वाचन आयोग 58 सीटों के लिए
राज्यसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर चुका है. अप्रैल और मई में खाली होने वाली राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव होगा. इन चुनावों के बाद बीजेपी को उम्मीद है कि ऊपरी सदन में ‘कामकाजी बहुमत’ प्राप्त हो जायेगा, अभी एनडीए का उच्च सदन में बहुमत नहीं है. ऐसे में केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए को उम्मीद है कि उच्च सदन में राजग के सदस्यों की संख्या में वृद्धि होगी. यूपी में बीजेपी के सामने बड़ी मुश्किल है और बड़े नामों का टोटा भी. बीजेपी में जीवन खपा चुके लोगों को एडजस्ट करने के मूड में आलाकमान है और इस लिहाज से कई राष्ट्रीय नेताओं को यूपी कोटे से सांसद बनाना चाहती है. बीजेपी डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी टिकट लगभग तय माना जा रहा है.
सपा और बसपा एक-एक सीटों पर पेश कर सकती है दावेदारी:
नए समीकरण के बाद अब सपा और बसपा एक-एक सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर सकती है तो वहीं बीजेपी की नजर 8 सीटों पर है. बसपा ने उपचुनाव में सपा को समर्थन देकर राज्यसभा जाने का रास्ता ढूँढने की कोशिश की है. बता दें कि मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था और ऐसे में यही एक मात्र रास्ता बचता है जो
मायावती को वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में सक्रीय रहने में भूमिका निभा सकता है.
बसपा का राज्यसभा सीट जीतने का समीकरण
राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 36.36 वोट चाहिए. समाजवादी पार्टी के पास 47 वोट हैं. यानी सपा के पास जीत से 10.64 वोट ज्यादा हैं जबकि बीएसपी के पास 19 वोट हैं, यानी जीत से 17.36 वोट कम. तय डील के अनुसार, समाजवादी पार्टी बीएसपी को 10.64 वोट देगी और कांग्रेस को पास 7 हैं. बीजेपी के खिलाफ ये तीनों दल एक होकर बसपा को एक सीट दिलाने का काम कर सकते हैं. बदले में वो समाजवादी पार्टी के विधान परिषद उम्मीदवार को वोट करेगी.