बरेली। पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस इंडिया, मेरा हक फाउंडेशन और अन्य सिविल सोसाइटी संगठनों ने आज बरेली में एक साथ मिलकर वायु प्रदूषण के खिलाफ सभा का आयोजन किया। सभा के बाद आगा खां इमामबाड़ा, खन्नु मोहल्ला से रैली निकाल कर जागरुकता अभियान भी चलाया गया। इस अभियान में शामिल लोगों ने सरकार से वायु प्रदूषण से निपटने के लिये क्षेत्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना को लागू करने की मांग की।
अभियान में शामिल मेरा हक फाउंडेशन की फरहत नकवी ने कहा कि हमारे शहर बरेली का चयन स्मार्ट सिटी के लिये किया गया है। स्मार्ट सिटी की योजना में पर्यावरण का विशेष ख्याल रखा गया है। इसलिए अब ज़रुरी है कि बरेली को स्मार्ट बनाने के लिये इसकी हवा को भी साफ बनाया जाए। हमें जरुरत है कि एक नागरिक के तौर पर हम वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये निजी स्तर पर भी प्रयास करें। हमें ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए, पुराने वाहनों पर रोक लगनी चाहिए और अपने आसपास वायु प्रदूषण को लेकर जागरुकता कार्यक्रम चलाना चाहिए।
आयोजन में शामिल वार्ड 68 के सभासद सर्वेश रस्तोगी ने कहा कि वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिये गंभीर खतरा बन चुका है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कई तरह के व्यवस्थागत निर्णय लेने की जरूरत है, जिसके बदौलत ही प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। वायु गुणवत्ता मापन, स्वच्छ ऊर्जा आधारित परिवहन, कचरा निस्तारण के लिये उत्तम साधन आदि के सवाल पर भी ध्यान देने की जरुरत है। इन चीजों पर ध्यान देकर ही वायु प्रदूषण की समस्या से निजात मिल सकती है।
अभियान के आयोजक ग्रीनपीस इंडिया कार्यकर्ता अभिषेक चंचल ने कहा कि सिर्फ दिल्ली की हवा प्रदूषित नहीं है, बरेली की हवा भी खतरे के स्तर पर पहुंच चुकी है। यहां की वायु गुणवत्ता के आकड़े को देखें तो पता चलता है कि पीएम 2.5 औसतन 200 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहने लगा है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन और राष्ट्रीय मानक से कहीं गुऩा अधिक है। हालांकि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण से निपटने के लिये छोटे-मोटे उपाय किये जा रहे हैं जो कि वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या का निदान करने में सक्षम नहीं हैं। जरुरत इस बात की है कि तय समय-सीमा के भीतर व्यवस्थागत और व्यापक कार्य योजना बनाकर इससे निपटा जाये।
अभिषेक ने आगे कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिये ग्रेडेड रिस्पॉंस सिस्टम लागू किया है, अब बरेली और उत्तर प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इसे लागू करने की तत्काल जरुरत है। समय आ गया है जब लोगों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए व्यापक क्षेत्रीय कार्ययोजना की मांग अपने अपने राज्य सरकार से करनी होगीI