2019 के लोकसभा चुनाव की सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा और बसपा जहाँ अपने संभावित गठबंधन से बीजेपी की मोदी लहर को रोकने में लगी हुई हैं तो वही भाजपा भी सत्ता में अपनी वापसी के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है और गठबंधन से पार पाना भी उसके लिए बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा अपने कई सांसदों का टिकट काट सकती है। इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भतीजे ने भाजपा के टिकट पर सपा के गढ़ से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है जिसके बाद नयी चर्चाये शुरू हो गयी हैं।
मीडिया से बोले पंकज कोविंद :
इटावा के जिला पंचायत सभागार में अंतर्जनपदीय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में एक नई पहल हौसलों की उड़ान कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट शिक्षक कर्मचारी सम्मान समारोह में भाग लेने अन्य अतिथियों के साथ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भतीजे पंकज कोविंद अपने पिता प्यारे लाल और भाई दीपक के साथ आऐ थे। पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रपति के भतीजे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए अभी तैयारी तो कोई नहीं है लेकिन सोचा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने इटावा सीट से संसदीय चुनाव में टिकट दिया तो चुनाव जरूर लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि नौजवानों को रोजगार देने के साथ-साथ में विकास की तमाम योजनाएं भी इटावा संसदीय क्षेत्र में संचालित की जाएंगी।
कट सकता है भाजपा सांसद का टिकट :
बीते दिनों आरक्षण और दलितों के उत्पीड़न के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद अशोक दोहरे अपनी ही पार्टी पर निशाना साध चुके हैं। उनके बयानों से लग रहा था कि वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लेंगे लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है। 2014 में लोकसभा चुनाव से करीब 3 महीने पहले भाजपा ज्वाइन करने वाले अशोक दोहरे इटावा सीट से सांसद बने थे। भाजपा में आने के पहले अशोक दोहरे बसपा के कर्मठ कार्यकर्ता रह चुके हैं। इसके अलावा अशोक दोहरे उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार में जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन बसपा सुप्रीमो से अनबन के बाद उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और टिकट हासिल कर सांसद बन गए थे।