अयोध्या । यूपी के रामनगरी अयोध्या पहुंचे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व जगतगुरू स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने रामंमंदिर के मॉडल में परिवर्तन की मांग पर प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा है ऐसी मांग करने वाले को विशालता की परिभाषा स्वयं बतानी चाहिए। जगतगुरू वासुदेवानंद ने इस मांग को संतों के बुद्धि की विपरीतता बताया है।
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ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव पर उनसे मुलाकात कर बधाई दी|
उन्होंने कहा है कि जिस संगमरमर के पत्थर से निर्माण कराने की माग की जा रही है वह मौजूदा परिस्थितियों में सुलभ नहीं हो सकता।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती अयोध्या पहुंचे हैं| उन्होंने ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव पर उनसे मुलाकात कर बधाई दी है। इस दौरान उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व श्रीमणि रामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलयनयन दास से भी मुलाकात की है| आज शाम 5 बजे वे रामजन्मभूमि परिसर पहुंचकर वहां हो रहे समतलीकरण के कार्यों का जायजा लेंगे।
जगतगुरू वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा है कि संतों को विशालता मंदिर की परिभाषा स्वयं स्पष्ट करनी चाहिए।
श्री रामजन्मभूमि पर विशाल राममंदिर की मांग को ट्रस्ट के सदस्य जगतगुरू वासुदेवानंद सरस्वती ने संतों की बुद्धि की विपरीतता बताया है| उन्होंने संतों इस मांग पर चुटकी लेते हुए कहा है कि तब तो उन्हें यह मांग की करनी चाहिए थी मंदिर की ऊंचाई इतनी हो कि उसे अमेरिका से भी दे जा सके| स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि मंदिर भव्य हो यह सब कोई चाहता है| लेकिन इतने विशाल मंदिर की मांग कर संतों को अपने बुद्धि की विपरीतता का परिचय नहीं देना चाहिए| जगतगुरू वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा है कि संतों को विशालता मंदिर की परिभाषा स्वयं स्पष्ट करनी चाहिए।