समाजवादी परिवार में जारी घमासान में प्रो. रामगोपाल का पत्र आत्मघाती साबित हुआ। प्रो. साहब खुद ही बलि की भेंट चढ़ गये। पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को समाजवादी पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित किया जा चुका है। अब पार्टी से बाहर किये जाने के बाद उनपर एक और कार्यवाही हो सकती है।
- सपा से निष्कासित किये जाने के बाद राज्यसभा में सपा संसदीय दल के नेता रह चुके रामगोपाल की सीट खाली हो गयी है।
- समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर किसी नये सदस्य को बैठाने की तैयारी कर ली है।
- सूत्रों के मुताबिक रामगोपाल की जगह जल्द ही बेनी प्रसाद वर्मा संसदीय दल के नेता बन सकते हैं।
- अभी तक दिल्ली में समाजवादी पार्टी के संसदीय कार्य रामगोपाल ही देखा करते थे।
- अब जब पार्टी कार्यालय से रामगोपाल की नेमप्लेट भी हटा ली गयी है।
- ऐसे में राज्यसभा के अन्दर सपा संसदीय दल के नये नेता के नाम की उम्मीद की जा रही है।
- मालूम हो कि राज्यसभा में वर्तमान समय में सपा के 18 सदस्य हैं।
बर्खास्तगी के बाद रामगोपाल ने लिखा एक और पत्र!
रामगोपाल ने किय इस्तीफे से इंकारः
- दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी रामगोपाल पर इस्तीफा देने का दबाव भी बना सकती है।
- हालांकि प्रो. रामगोपाल ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है।
- इसके साथ ही रामगोपाल ने सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव से मिलकर बात करने से मना कर दिया है।
- वहीं, रामगोपाल ने अपने प्रतिद्वंदी शिवपाल और अमर सिंह पर जमकर निशाना साधा।
- मालूम हो कि 6 साल पहले अमर सिंह के निष्कासन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
- रामगोपाल ने साफ तौर पर कहा कि वह अखिलेश के साथ हैं और रहेंगे।
सपा से निकाले जाने का कोई दुख नहीं-रामगोपाल!
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