उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में मचे घमासान को शांत करने की कोशिश सपा प्रमुख द्वारा जारी है। वहीँ इस पूरे घटनाक्रम के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुरुआत से ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को जिम्मेदार मानते आये हैं। इसके अलावा पार्टी के पूर्व नेता रामगोपाल यादव की भूमिका भी इस मामले में बेहद संदिग्ध है।
रामगोपाल यादव के पत्र ने आग में घी का काम किया:
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने परिवार की कलह के लिए शुरू से ही ‘बाहरी व्यक्ति’ अमर सिंह को जिम्मेदार बता रहे हैं। वहीँ उनके परिवार के ही सदस्य रामगोपाल यादव की भूमिका भी इस मामले में काफी संदिग्ध है। रामगोपाल यादव 2012 में अखिलेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही हर बात में उनका समर्थन करते हैं. वहीँ परिवार के बीच कलह को खाई बनाने का काम भी रामगोपाल के ओपन लैटर ने ही किया था।
रामगोपाल ने जो पत्र लिखा था उसने समाजवादी परिवार के झगड़े को एक बार फिर से अन्दर तक सुलगा दिया।
रामगोपाल के पत्र के अंश:
समाजवादी परिवार के झगड़े को सुलगाने का काम रामगोपाल यादव के पत्र ने ही किया था। जिसके बाद सपा की स्थिति इतनी ख़राब हो गयी है कि, अभी तक परिवार में चल रहा झगड़ा सड़क पर उतर आया। रामगोपाल यादव ने अपने पत्र में लिखा था कि, सीएम अखिलेश यादव को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। साथ ही पत्र में विद्रोही भाषा का इस्तेमाल करते हुए रामगोपाल ने ये भी कहा था कि, अखिलेश का विरोध करने वाले हार जायेंगे। रामगोपाल शुरू से ही शिवपाल यादव को नापसंद करते हैं, पत्र में भी बिना उनका नाम लिए कहा था कि, सत्ता का दुरूपयोग कर कुछ लोगों ने हजारों करोड़ रुपये कमा लिए हैं।
रामगोपाल के इस पत्र के बाद सपा प्रमुख के आदेश पर रामगोपाल को पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित कर दिया गया। रामगोपाल के निष्कासन के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश का पारा और चढ़ गया जिसने मौजूदा हालातों को बद से बदतर कर दिया और मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल समेत 7 मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया।
शिवपाल की बर्खास्तगी के बाद रामगोपाल पार्टी से बाहर:
समाजवादी पार्टी में रामगोपाल के पत्र के बाद सीएम अखिलेश ने शिवपाल समेत 7 मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर दिया। वहीँ कैबिनेट से शिवपाल के निष्कासन के बाद सपा प्रमुख ने रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 सालों के लिए बाहर निकाल दिया।
रामगोपाल पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा ये आरोप लगाये गए:-
रामगोपाल यादव पर शिवपाल ने साजिश करने का आरोप लगाया था.
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शिवपाल सिंह ने रामगोपाल को बताया भाजपा का एजेंट:
शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल के निष्कासन के बाद प्रेस कांफ्रेंस में रामगोपाल पर भाजपा के एजेंट होने की बात कही। इतना ही नहीं शिवपाल सिंह ने रामगोपाल पर पार्टी में फूट डालने का आरोप लगाया। शिवपाल सिंह ने कहा कि, खुद के बेटे और बहू के खिलाफ CBI जांच से बचने के लिए भाजपा के इशारों पर रामगोपाल नाच रहे हैं। साथ ही शिवपाल सिंह ने कहा था कि, रामगोपाल ने मेरे खिलाफ भी साजिश की थी।
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महागठबंधन में फैलाया था भ्रम:
शिवपाल सिंह ने रामगोपाल पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा था कि, 2014 में भ्रम फैलाकर रामगोपाल ने महागठबंधन में बाधा डाली थी।
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शुरू से पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र:
सपा नेता रामगोपाल यादव पर पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र करने की भी बात सामने आई। साथ ही रामगोपाल यादव पर यह भी इल्जाम लगा कि, अब वो गुटबाजी और गिरोह बनाकर समाजवादी पार्टी समेत मुख्यमंत्री को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं।
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योग्यता का इस्तेमाल पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए किया:
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल के निष्कासन के बाद ये भी कहा कि, रामगोपाल ने आज तक अपनी योग्यता का इस्तेमाल सिर्फ पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ही किया है। शिवपाल सिंह ने आगे कहा कि, जब मैंने पार्टी फोरम में ये मामला उठाया तो रामगोपाल ने मेरे खिलाफ भी साजिश शुरू कर दी।
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सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने जेल नहीं गए:
पूर्व सपा नेता रामगोपाल यादव पर यह भी आरोप लगे कि, बसपा राज में जब दल के नेता और कार्यकर्ता जेल गए थे, उस वक़्त रामगोपाल किसी से भी मिलने जेल नहीं गए थे। जबकि उस वक़्त सपा प्रमुख जनेश्वर मिश्र के साथ जेल में बंद थे। इसके अलावा रामगोपाल यादव ने मोहन सिंह और बृजभूषण तिवारी जैसे सपा नेताओं तक का अपमान किया।
सपा से रामगोपाल के निष्कासन के बाद उनके बेटे अक्षय यादव ने भी एक ओपन लैटर लिखा, जिसमें उन्होंने शिवपाल सिंह यादव पर कई तरह के आरोप लगाये, साथ ही ये भी कहा कि, शिवपाल सिंह यादव ने उनके परिवार को धमकी दी है।
रामगोपाल के सुर बदले:
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पार्टी से बाहर करते ही रामगोपाल यादव के सुर बदल गए, मंगलवार को मीडिया से बातचीत में रामगोपाल के दौरान रामगोपाल के सुर बदले नजर आये, उन्होंने कई सवालों के जवाब विवादित तरीके से दिए:
पार्टी से बाहर होने के बाद रामगोपाल के विवादित बयान:
- “एक खोटे सिक्के ने असली सिक्के को बाहर कर दिया” (यह बात शिवपाल द्वारा उन्हें पार्टी से निकालने के लिए कही)।
- “कुछ लोगों को ग़लतफ़हमी है कि, पैसे के दम पर चुनाव जीता जा सकता है” (शिवपाल के लिए)।
- “जनता की निगाह में अपराधी है मुलायमवादी होना” (सपा प्रमुख)।
- “जनता के बीच जाकर मेरी बुराई करें, सही सलामत वापस नहीं आ पाएंगे (शिवपाल के लिए)
- “मुलायम सिंह असंवैधानिक बयान दे रहे हैं” (सपा प्रमुख)।
अमर सिंह नहीं रामगोपाल हैं ‘घर के भेदी’:
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल द्वारा रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाले जाने के दौरान जो कारण बताये गए उनसे ऐसा प्रतीत होता है कि, इस समाजवादी महाभारत के ‘शकुनि’ अमर सिंह नहीं बल्कि घर के भेदी रामगोपाल हैं।