2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी एक्शन मोड में आ गयी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा सपा के संगठन को मजबूत करने के लिए अखिलेश यादव ने पार्टी के तमाम नेताओं से मिलना शुरू कर दिया है। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 28 जुलाई को लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गयी थी जिसमें बसपा से गठबंधन में सीटों के बंटवारे के साथ ही कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। सपा की इस बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने प्रेस कांफ्रेंस के द्वारा मीडिया को बैठक में हुई बातों की जानकारी दी।
रामगोपाल यादव ने की प्रेस कांफ्रेंस :
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर हुई। बैठक के बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि लोकसभा के आम चुनाव में EVM के बजाए बैलेट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इलेक्शन कमीशन इस पर नहीं माना तो हम आंदोलन करेंगे। साथ ही उन्होंने साफ़ किया कि अन्य राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में किसके साथ रहना है और नहीं रहना है, इसका निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष को करना है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय ही अंतिम माना जायेगा।
गठबंधन के नेता पर बोले रामगोपाल :
समाजवादी पार्टी के अन्य दलों के साथ गठबंधन में नेता को लेकर पूछे गए सवाल पर राम गोपाल यादव ने कहा कि वर्तमान में केंद्र में 17 दलों की सरकार है। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी दलों के नेता मोदी जी हो गए हैं। हर दल का अपना एक नेता होता है। बैठक में हाल ही में दिवंगत हुए कवि गोपाल दास नीरज को लेकर एक शोक प्रस्ताव भी पास किया गया। कार्यकारिणी की बैठक से सपा के वरिष्ट नेता आजम खां गायब रहे। इस संबंध में राम गोपाल यादव ने कहा कि जरूरी नहीं कि 90 प्रतिशत सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद थे, इतना काफी है।