मथुरा हिंसा के साजिशकर्ता रामवृक्ष यादव के मारे जाने के बाद उसके बारे में कई खुलासे किये गए। इस हिंसा की वजह से सपा सरकार सभी पार्टियों के निशाने पर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामवृक्ष यादव और सपा सरकार के तार बहुत पहले से ही आपस में जुड़े हुए थे। रामवृक्ष यादव ने 2014 में मथुरा जिला न्यायालय में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह, मुख्यमंत्री अखिलेश और कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव सहित 6 लोगों पर सम्पत्ति पर कब्जा करने के खिलाफ याचिका दायर की थी।
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याचिका में लगाया था जबरन कब्ज़ा करने का आरोप:
- जय गुरुदेव के निधन के बाद उनकी विरासत संभालने के लिए तीन गुटों पंकज यादव, उमाकांत तिवारी और रामवृक्ष यादव में जमकर टकराव हुआ।
- संपत्ति के लिए सबसे ज्यादा विवाद जय गुरुदेव के शिष्य रामवृक्ष यादव और पंकज यादव के बीच हुआ।
- आखिरकार विरासत संभालने के लिए पंकज यादव उत्तराधिकारी बना, लेकिन रामवृक्ष को यह रास नहीं आया।
- 17 जून 2011 को रामवृक्ष के गुट ने जय गुरुदेव आश्रम पर हमला कर दिया, लेकिन उसे वापस लौटना पड़ा।
- मई, 2012 में जय गुरुदेव की विरासत के लिए रामवृक्ष यादव और पंकज यादव के बीच विवाद और भी बढ़ गया।
- उस समय रामवृक्ष यादव ने सपा सरकार पर आरोप लगाया था कि सपा सरकार उसके खिलाफ साजिश कर रही है। सपा सरकार पंकज यादव के साथ मिलकर उसके सम्पत्ति को हथियाना चाहती है।
- रामवृक्ष ने 11 मई 2014 को मुलायम सिंह, अखिलेश, शिवपाल, पंकज, राम प्रताप और उमाकांत तिवारी पर बाबा जय गुरुदेव का अपहरण करके बंधक बनाने और उनकी करोडो की संपत्ति पर जबरन कब्ज़ा करने का आरोप लगाते हुए मथुरा जिला न्यायालय में याचिका दायर की।
- हालांकि न्यायालय ने 17 मई को पहली सुनवाई के दौरान ही रामवृक्ष यादव की याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद रामवृक्ष ने हाईकोर्ट में जाने की बात कही थी।
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