उन्नाव जिले में बीते दिनों एक कमजोर दिमाग वाली किशोरी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई थी। किशोरी ने समय से पहले बच्चे को जन्म दे दिया था, जिससे बच्चे की मौत हो गई। घटना की सूचना परिजनों ने इलाकाई पुलिस को दी जिसपर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराना जरूरी बताया, लेकिन कोई भी मौके पर पहुंचा नहीं। जिसके बाद परिजनों ने तीन दिन तक शव को घर में ही रखा। पुलिस के नहीं पहुंचने पर इसकी जानकारी कोतवाली में दी। जिसके बाद आनन-फानन में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और गंभीर हाल में पहुंची किशोरी को सीएचसी में भर्ती कराया।
पेट में दर्द होने पर हुई दुष्कर्म की जानकारी
जानकारी के मुताबिक हसनगंज कोतवाली क्षेत्र निवासी इस दलित परिवार को कमजोर मानसिक स्थिति वाली नाबालिग बेटी का दुराचार हो गया था। जिसकी जानकारी उसके पेट में सूजन और दर्द बढ़ने पर हुई थी। दर्द की शिकायत पर चिकित्सकों के पास ले जाया गया जहां डॉक्टरी जांच में उसके पांच माह की गर्भवती होने की बात पता चली। इस बावत पूछताछ किए जाने पर पता चला कि गांव के ही युवक द्वारा बहला-फुसला कर दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने दो अप्रैल को आरोपी मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
तीन दिन तक रखा तसले में ढ़ककर
बुधवार सुबह करीब पांच बजे किशोरी ने बच्ची को जन्म दिया। समय से पांच माह पूर्व ही प्रसव के कारण नवजात की कुछ समय बाद ही मौत हो गई। पीड़िता के पिता का कहना है कि इसकी सूचना हल्के के दरोगा को दी थी। जिसके बाद उन्होंने नवजात के शव का पोस्टमार्टम जरूरी बताते हुए कुछ समय बाद घर आने के लिए कहा। पुलिस के न आने पर नवजात का शव लोहे के तसले से ढक कर रख दिया। तीन दिन बीतने पर भी पुलिस नहीं आई तो शनिवार को कोतवाली जाकर सारा वाक्या बताया।
कोतवाल से शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
पीड़िता के पिता द्वारा कोतवाली में जानकारी दिए जाने के बाद हसनगंज कोतवाली प्रभारी राघवन सिंह ने आनन-फानन पुलिस के जरिए नवजात का शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचवाया। साथ ही चौकी इंचार्ज अखिलेश प्रजापति व महिला कांस्टेबल मीरा की देखरेख में किशोरी को सीएचसी में भर्ती करवाया। कोतवाल के मुताबिक मामले की अनदेखी करने वाले दरोगा पर कार्रवाई के लिए पीड़ित परिवार से लिखित शिकायत मांगी है। अधिकारियों को भी मामले की जानकारी भेज रहे हैं।