वन विभाग की लापरवाही से दुर्लभ डॉल्फिन की आज मौत हो गई। एनजीओ के सदस्यों के साथ उसको पकड़ने वन विभाग की टीम गई थी। एक दिन पहले ही उसके आने की सूचना थी। फिर भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई। नतीजा यह हुआ कि वन विभाग और एनजीओ के हाथों में आते ही डॉल्फिन ने दम तोड़ दिया। यह मादा डॉल्फिन आट फीट लम्बी है।
आज वन विभाग और एनजीओ की टीम उसको पकड़ने पहुंची थी। जानकारों के मुताबिक डीएफओ तक मौके पर नहीं पहुंचे थे।
आनन-फानन में डॉल्फिन को लखनऊ जू लाया गया। जू अस्पताल में उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। लेकिन किरकिरी के बचने के लिए मीडिया पर बैन लगा दिया ।
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शुक्रवार सुबह दस बजे इंदिरा डैम में यह डॉल्फिन देखी गई थी। बताया गया कि पकड़े जाने पर उसकी मौत दहशत से हुई।
भारी भीड़ देख डॉल्फिन डर गई और दहशत से उसने दम तोड़ दिया।
जहां उसको पकड़ा गया, वहां पुलिस की भी उचित व्यवस्था नहीं थी।
जिस कारण भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गये थे। लखनऊ जू से किसी डॉक्टर को नहीं बुलाया गया।
एनजीओ की तरफ से ही एक डॉक्टर इंदिरा डैम गया था।
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यहां आपको ये भी बता दें कि ये कोई पहला वाकया नहीं है। प्रदेश में आये दिन वनविभाग की टीम की लापरवाही सामने आती दिखायी देती है। बीते दिनों ही राजधानी इलाके के इंद्रानहर के पास से डॉलफिन दिखी थी ।
इस दोौरान इलाके के लोगों में दहशत हो गयी थी। वहीं इलाके के लोगों ने वन विभाग को सूचना दिये तब मौके पर पहुंची वनविभाग की टीम ने डॉलफिन को रेस्कयू अभियान चलाया।
इसके बाद डॉलफिन इलाके के नगर में मिली थी। वह वन विभाग पकड़ कर पास से घाघरा नदी में छोड़ दिया था।