केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के किसानों को लेकर दिए गए विवादित बयान (जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को चीनी की जरूरत नहीं है, गन्ना किसानों को अब गणना बोना बंद कर देना चाहिए) पर राष्ट्रीय किसान मंच की ओर से पलटवार किया गया है। राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की योजनाएं वैसे भी किसानों के शोषण का काम कर रही हैं।
किसानों से किये गए वादों के नाम पर उन्हें लॉलीपॉप पकड़ा दिया गया। ऊपर से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के घटिया बयान इस बात का सुबूत हैं कि किसानों से उन्हें कोई मतलब नहीं। बीजेपी की ओर से केवल किसानों को वोट बैंक मानकर उन्हें बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है। शेखर दीक्षित ने मेनका गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि ऊँचे-ऊँचे घरानों के लोग इस तरह की बातें करके परेशान किसानों के मनोबल ही नहीं बल्कि उन्हें मौत के मुँह में धकेलने का काम कर रही हैं।
शेखर दीक्षित ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को ये बताना चाहिए कि अगर किसानों ने गणना बोना बंद कर दिया तो देश में चीनी की आपूर्ति क्या फिर से पाकिस्तान और बांग्लादेश से की जायेगी। शेखर दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रीय किसान मंच केंद्रीय मंत्री के इस घटिया बयान के लिए उनके इस्तीफे की मांग मांग करता है।
शेखर दीक्षित ने कहा कि उतर प्रदेश की बीजेपी सरकार की ओर से पहले ही गन्ना किसानों के बकाये भुगतान का वादा पूरा नहीं किया गया, ऊपर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का ये कहना कि गन्ना किसानों को गन्ना नहीं बोना चाहिए,क्योंकि देश को अब चीनी की जरूरत नहीं है। बेहद निंदनीय है। इस तरह के बयानों से किसानों का मनोबल गिरेगा और उनको और अधिक तकलीफ होगी। शेखर दीक्षित ने ये भी कहा कि ‘क्या निराकरण दिया मैडम ने ख़ुद का दर्द तो आज तक नहीं भूली फिर ताज्जुब होता है की किसानो का दर्द क्यूँ नहीं दिखता। बयान
बता दें कि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने पीलीभीत जिले के पूरनपुर क्षेत्र में स्थित गांधी सभागार के एक कार्यक्रम में किसानों से कहा कि ‘क्यों बोते हो गन्ना, देश को चीनी की जरूरत नहीं है। मेनका गांधी यहीं नहीं रुकी। आगे उन्होंने कहा कि हजार बार तुम लोगों से कहा है कि गन्ना मत बोया करो।
हैरान रह गए किसान
केंद्रीय मंत्री की यह बात सुनकर परिसर में मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। दरअसल कुछ गन्ना किसान अपनी समस्याएं लेकर केंद्रीय मंत्री के पास पहुंचे थे। किसानों ने गन्ना तौल, भुगतान व चीनी मिलें बंद हो जाने की समस्या को लेकर किसानों से अवगत कराया,जिसके बाद मेनका गांधी ने इस तरह का बयान दिया।