राष्ट्रीय लोकदल द्वारा आलू किसानों की समस्याओं और उसके निदान को लेकर कल दिनांक 18 जनवरी को खंदौली आगरा में विशाल किसान पंचायत आयोजित की जा रही है। इस पंचायत को सफल बनाने के लिए रालोद कार्यकर्ताओं और किसान संगठनों ने आलू किसानों के बीच जबरदस्त जनसम्पर्क अभियान चलाया है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयन्त चौधरी के नेतृत्व में होने वाली यह पंचायत ऐतिहासिक आलू किसानों के हक के लिए निर्णायक होगी।
प्रदेश सरकार पर युवाओं के साथ छल करने का आरोप
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे ने बताया कि बीते सीजन में उ.प्र. का आलू किसान तबाह और बर्बाद हो गया है। सरकार ने आलू किसानों को कोई राहत देने की जगह बिजली दरों तक में बढोत्तरी कर कई तरह के बोझ लाद दिये हैं। आलू किसान अपनी तबाही के बाद लगातार धरना प्रदर्शन और आन्दोलन कर रहे हैं और सरकार के कानों पर कोई जूं तक नहीं रेंग रही है।
किसान अपना आलू सड़क पर फेकने को मजबूर हो रहा है किसानों को न्याय दिलाने के लिए आगरा में होने वाली पंचायत में पष्चिमी उ.प्र. के आलू उत्पादक किसानों को एकमंच पर लाकर निर्णायक संघर्ष की रणनीति बनाने के लिए रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयन्त चौधरी ने बीडा उठाया है।
महापंचायत में सरकार से मांग की जायेगी कि माह जनवरी के अन्त तक आलू के लाभप्रद समर्थन मूल्य की घोषणा करके फरवरी के दूसरे सप्ताह से आलू की सरकारी खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। शीतगृह भण्डारण दर वर्ष 1998 से पहले की व्यवस्थानुसार गठित विषय विशेषज्ञों-किसान-शीतगृह स्वामी की कमेंटी द्वारा तय की जाये। इस दर की घोषणा की प्रत्येक दशा में फरवरी के प्रथम सप्ताह में कर दी जाये।
आलू उत्पादन में प्रदेश के अग्रणी जनपदों आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ, फिरोजाबाद, फर्रूखाबाद कन्नौज हापुड़ मेरठ आदि में आलू प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किये जाएं और पिछली बार घोषित आलू समर्थन मूल्य तथा स्टोर का भाड़ा सरकार मुआवजे के रूप में उन किसानों को दे जिनका आलू नहीं बिका है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगो पर ध्यान न दिया तो जल्द ही इस आन्दोलन को प्रदेशव्यापी किया जायेगा।