राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता संगठन की संयोजक मो. आफताब व अन्य सामाजिक संगठनों ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के पास महंगाई का पुतला फूंका। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि न काम न पैसा है, न रोटी न दवा है। आज देश में महंगाई चरम पर है जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। नोटबंदी ने आम लोगों के लिए दो वक्त की रोटी मुश्किल कर दी है। लोग बेरोजगार हो गये हैं। व्यापार में भारी मंदी है। सड़क पर भीख मांगने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों की हालत ज्यादा खराब
- कार्यकर्ताओं ने कहा कि शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों की हालत खराब है।
- न काम है, न पैसा, न रोटी और न ही दवा है। हर तरफ त्राहि-त्राहि मची है।
- मगर केन्द्र सरकार व राज्य सरकार पूरी तरह मस्त है। उन्हें जनता की जरा भी परवाह नहीं है।
- केन्द्र सरकार भाषण बाजी में मस्त और जनता को झूठे वादों, झांसो और दिलासो से बहला रही है।
- राज्य सरकार पारिवारिक कलह में उल्झी है मुख्यमंत्री औरंगजेब की तरह अपने पिता व चाचा को सत्ता से बेदखल कर अज्ञात वास में भेज देना चाहते हैं।
- केन्द्र सरकार और राज्य सरकार गरीबों को नहीं गरीब को खत्म करने का प्रयास कर रही है।
- दोनों सरकार के सभी दावे झूठे साबित हो रहे हैं।
- न काला धन आया, न एक के बदले दस सर आये, न हीं लोगों के खाते में पन्द्रह लाख रूपये आये।
- प्रदेश सरकार तो 2012 के अपने चुनावी घोषणा पत्र को पूरी तरह भूल ही गयी।