रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है इसलिए उसकी पूजा और मंदिर होना सामान्य बात नहीं है. हालांकि भारत में कई रावण के कई मंदिर हैं और लोग उसे पूजते भी हैं. ऐसा ही एक मंदिर है पुराने लखनऊ में.
रोजाना होती है रावण की पूजा-
- ये मंदिर लखनऊ के नरेंद्रदेव वार्ड के रानी कटरा मोहल्ले में स्थित है.
- इस मंदिर में स्वर्ग और नर्क की सीढ़ी भी है जिसमें ये दिखाया गया है कि इस धरती पर बुरे काम करने का क्या फल मिलता है.
- मंदिर का निर्माण 123 वर्ष पूर्व कुंदन लाल कुञ्ज बिहारी लाल ठेकेदार ने करवाया था.
- इस मंदिर की पूजा विष्णु त्रिपाठी उर्फ लंकेश करते हैं.
- यहां सभी देवी-देवताओं सहित चारों धाम भी है.
- इसका उद्देश्य ये था कि जो गरीब लोग चारों धाम की यात्रा नहीं कर पाते वे इस मंदिर में आकर अपनी हसरत पूरी कर लें.
- धरती पर क्या काम करने का क्या फल मिलता है ये भी इस मंदिर में दर्शाया गया है.
- वैसे तो मंदिर के पुजारी विष्ण उर्फ लंकेश रावण की रोजाना पूजा करते हैं.
- दशहरे वाले दिन यहां मंत्रोच्चार के साथ विशेष पूजा होती है.
मंदिर के पुजारी है लंकेश-
- चौपटियां के विष्णु त्रिपाठी की लंकेश बनने की कहानी भी काफी रोचक है।
- वह पिछले 38 साल से लगातार चौक रामलीला में रावण का किरदार निभा रहे हैं.
- वहीं मंदोदरी का किरदार भी उन्हीं की पत्नी रेणु त्रिपाठी निभाने उतरती हैं.
- विष्णु त्रिपाठी लंकेश ने बताया कि 1978 से जब से वो रावण बने हैं.
- तब से लगातार चौक की रामलीलाओं में वे रावण ही बनते आ रहे हैं.
- रावण की ख्याति इतनी बढ़ी कि मई 2003 में एक बड़े सार्वजनिक समारोह में तत्कालीन राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने उन्हें ‘लंकेश’ का खिताब दे दिया.
यह भी पढ़ें: रावण: एक सर्वशक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तित्व
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें