भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहें दयाशंकर सिंह की बसपा सुप्रीमों मायावती पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद से उत्तर प्रदेश के सियासी माहौल में तेज उबाल आ गया है। एक ओर बसपा अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मान की लड़ाई लड़ रही है, वहीं, महिला सम्मान की इस लड़ाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर के परिवार की महिलाओं के सम्मान की धज्जियां उड़ा दी।
- बसपा कार्यकर्ताओं के इस कृत्य के बाद भाजपा को तो जैसे संजीवनी ही मिल गई।
- अभी तक इस मुद्दे पर रक्षात्मक रहीं भाजपा ने आक्रमक रूख अख्तियार कर लिया है।
- भाजपा-बसपा की जंग के बीच भाजपा सांसद का एक बड़ा बयान सामने आया है।
- बलिया में सलेमपुर से भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने दयाशंकर की पार्टी में वापसी की मांग की है।
- रवींद्र कुशवाहा बलिया से सांसद है, और दयाशंकर सिंह भी बलिया के निवासी है।
- भाजपा सांसद का कहना है कि अगर मायावती नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से बाहर नहीं निकालती हैं, तो वह पार्टी आलाकमान से दयाशंकर सिंह को पार्टी में वापस लेने की मांग करेंगे।
नसीमुद्दीन को बाहर करें मायावतीः
- भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कहा है कि मायावती को नसीमुद्दीन द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी पर कारवाई करनी होगी।
- कुशवाहा ने कहा कि मायावती को नसीमुद्दीन को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए।
- इसके साथ ही कुशवाहा ने कहा ने कहा कि मायावती को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी।
- उन्होने कहा कि अगर नसीमुद्दी को पार्टी से नहीं निकाला जाता है तो वह सभी कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी आलाकमान से दयाशंकर की सम्मान के साथ वापसी की मांग करेंगे।
- उन्होंने कहा कि अगर मायावती, नसीमुद्दीन की टिप्पणी को गलत नहीं मानतीं तो दयाशंकर ने भी मायावती के खिलाफ कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है।
- कुशवाहा ने अपने बयान में कहा कि भाजपा ने दयाशंकर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है।
- लेकिन दयाशंकर के परिवार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ मायावती ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।