मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी के 22 करोड़ लोगों की सुरक्षा और थाने जाने के झंझट से छुटकारा पाने के लिए शनिवार को ‘यूपी 100 UP’ (Dial 100) का शुभारम्भ किया। यह देश में पहली ऐसी इमरजेंसी योजना है जिसमें रेडियो ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आरओआईपी) तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है। इसके चलते अगर मोबाइल नेटवर्क नहीं आ रहा है तब भी पुलिसकर्मी मास्टर कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकेंगे।
सूचनाओं का आदान-प्रदान काफी तेजी से होगा
- इससे वायरलेस से संपर्क करने की सीमा 30-40 किमी. से बढ़कर पूरे प्रदेश में हो जाएगी।
- इससे सूचनाओं का आदान प्रदान काफी तेजी गति से होगा।
- आरओआईपी की नेटवर्किंग के लिए 126 बेस स्टेशन बनाए गए हैं।
- इसमें सभी जिलों के साथ रेंज ऑफिस, जोन कार्यालय और पुलिस के 25 अन्य महत्वपूर्ण ऑफिस जैसे एडीजी टेक्निकल, पीएसी हेड क्वार्टर, रेलवे, फायर हेड क्वार्टर, इलाहाबाद पुलिस मुख्यालय में बेस स्टेशन बनाए गए हैं।
अमेरिका से बेहतर है ‘यूपी 100 UP’ (Dial 100) का कंट्रोल रूम
- डायल 100 की तर्ज पर ‘यूपी 100 UP’ की शुरुआत सीएम अखिलेश ने की है।
- इस परियोजना से यूपी के किसी भी कोने में पुलिस 20 मिनट के अंदर पहुंचेगी।
- यह परियोजना अमेरिका के ‘डायल 911’ से भी बेहतर है।
- यह परियोजना समाजवादी एम्बुलेंस सेवा 108 की तरह ही बेहतर होगी।
- ‘यूपी 100 UP’ परियोजना में 2325.33 करोड़ रुपये लागत आयी है।
- लखनऊ में एक ‘केन्द्रीय मास्टर को-आर्डिनेशन सेन्टर’ बनाया गया है। इसके वाहन आधुनिक तकनीकी से लैस हैं।
हर गाड़ी में है एमडीटी
- यूपी 100 की हर गाड़ी में मोबाइल डाटा टर्मिनल (एमडीटी) है।
- इसमें साफ्टवेयर के जरिये यह सूचना एमडीटी पर भेजी जाएगी, जिसे साफ्टवेयर पहचानेगा और घटनास्थल पर पहुंचने के लिए एक मानचित्र खोल देगा।
- इससे वाहन गाड़ी निर्धारित स्थान पर पहुंचेगा।
- इस मैप में हिन्दी में रास्ता बताते रहने की सुविधा भी उपलब्ध है।
- घटनास्थल पर पहुंचने के बाद कार्रवाई की रिपोर्ट पुलिसकर्मी टेक्स्ट, वीडियो या आडियो के रूप में बनाकर साफ्टवेयर के माध्यम से ही कन्ट्रोल रूम भेजेंगे।
गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर से मैच करेंगे सीयूजी नंबर
- यूपी 100 की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के चार अंक और गाड़ी में चलने वाले पुलिसकर्मी के सीयूजी मोबाइल फोन व मोबाइल डाटा टर्मिनल के नंबर के आखिरी चार अंक एक जैसे ही होंगे।
- ताकि लोग पुलिसकर्मी का नंबर आसानी से याद रख सकें।
- यूपी में किसी भी जगह से फोन या एसएमएस करने पर सूचना देने वाले की कॉल लखनऊ स्थित मेगा कंट्रोल रूम पहुंचेगी।
- यहां बैठे कम्यूनिकेशन ऑफिसर्स सूचना देने वाले की शिकायत, जानकारी और घटना वाली जगह का पता लगाएंगे।
सेकेंडों में होगी कार्रवाई (Dial 100)
- इसके बाद इस मैसेज को चंद सेकेंड के अंदर लोकेशन से सबसे नजदीक मौजूद यूपी 100 के दस्ते को भेज दिया जाएगा।
- यह दस्ता एक जीपीएस से लैस गाड़ी के साथ मौजूद होगा।
- मैसेज मिलते ही घटनास्थल की ओर रवाना हो जायेगा।
- पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर कंट्रोल रूम को घटना की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे.
- घटना स्थल को सुरक्षित कर साक्ष्य को बचाएंगे, जिससे सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ न हो पाए।
- इस बीच कंट्रोल रूम से कम्यूनिकेशन ऑफिसर्स कॉल करने वाले व्यक्ति के लगातार संपर्क में रहेंगे।
- इतना ही नहीं, रिस्पांस टाइम से लेकर पुलिसकर्मियों के व्यवहार और शिकायत निस्तारण का फीडबैक भी सूचना देने वाले से लिया जाएगा।
- हर चीज पुलिस पेपरलेस रिकार्ड में रखेगी।