उत्तर प्रदेश की पूर्व समाजवादी सरकार के नगर विकास मंत्री आजम खान इन दिनों अपनी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर चर्चाओं में बने हुए हैं। वैसे तो हमेशा ही आजम खान किसी न किसी प्रकार के विवादों में छाये रहते हैं, लेकिन इस बार मामले में उनकी भूमिका काफी संदिग्ध है।
350 एकड़ का कैंपस, बिल महज 50 हजार:
- पूर्व मंत्री आजम खान और उनकी यूनिवर्सिटी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी इस बार शक के घेरे में हैं।
- सपा नेता आजम खान इस बार जौहर यूनिवर्सिटी में बिजली की हेराफेरी को लेकर शक के घेरे में आ गए हैं।
- गौरतलब है कि, जौहर यूनिवर्सिटी के पिछले महीने का बिल 54 हजार 200 रुपये आया है।
- वहीँ आजम खान की यूनिवर्सिटी 350 एकड़ में फैली हुई है।
- इतने बड़े परिसर के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली का बिल मात्र 54 हजार रुपये आना अपने आप में संदिग्ध है।
- वहीँ बिजली कर्मचारियों की मानें तो यूनिवर्सिटी का बिल हर महीने ही लगभग एक लाख के भीतर ही आता है।
- रामपुर के एसडीओ पॉवर कारपोरेशन अनिल कुमार ने बताया कि, 112.00 केवीए का कनेक्शन है।
- साथ ही उन्होंने बताया कि, एक लाख के भीतर ही बिल बनता है और समय से जमा किया जाता है।
- इसके अलावा एसीएन से लेकर अधीक्षण अभियंता कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
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नगर विकास मंत्रालय का सारा ‘विकास’ जौहर में:
- जौहर यूनिवर्सिटी को पूर्व सपा मंत्री आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है।
- यूनिवर्सिटी कैंपस 350 एकड़ में फैला हुआ है।
- कैंपस में करीब तीन दर्जन से अधिक बड़ी इमारतें बनी हुई हैं, जबकि कुछ नई बन रही हैं।
- इसके साथ ही जो भवन बन चुके हैं, वहां कक्षाएं भी लगती हैं।
- साथ ही कैंपस के अन्दर कई गेस्ट रूम बने हुए हैं, जिनमें आधुनिक सुविधाएँ हो सकती हैं।
- कैंपस में बनी इमारतों में हजारों की संख्या में पंखे लगे हो सकते हैं।
- वहीँ यूनिवर्सिटी का पूरा कैंपस रात में रौशनी से नहा उठता है।
- आजम खान की यूनिवर्सिटी पर सपा सरकार में विद्युत विभाग ने अपनी पूरी मेहरबानी बनाये रखी।
- शायद यही कारण है कि, न ही जौहर यूनिवर्सिटी के कनेक्शन का भार बढ़ाया गया,
- और न ही किसी अधिकारी ने जौहर यूनिवर्सिटी में बिजली की खपत की मात्रा और बिल में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की।
- एक अनुमान के मुताबिक, जौहर यूनिवर्सिटी में करीब 1 दर्जन ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं।
- जिसका सीधा मतलब है कि, यूनिवर्सिटी में बिजली की खपत बहुत अधिक है।
- इसके बावजूद हर बार बिल 1 लाख के नीचे आने की बात यूँ आराम से गले उतरते नहीं बन रही है।
खान साहब का खुद का बिजली घर:
- जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस में एक बिजली घर भी मौजूद है, जिसकी क्षमता 33/11 केवी है।
- गौर करने वाली बात यह है कि, बिजली घर को चारों ओर से बंद किया गया है।
- पहली बार में देखने पर ऐसा लगता है कि, ये आजम खान का निजी बिजलीघर है।
- ऐसा आप इसलिए भी कह सकते हैं क्योंकि, इस बिजली घर में जाने का कोई रास्ता नहीं है, इसे चारों तरफ से बंद किया गया है।
- वहीँ मेन गेट से किसी को अन्दर जाने की इजाजत नहीं है।
- जबकि लगभग सभी बिजली घरों में सार्वजनिक रास्ते होते हैं।
- कुछ सूत्रों की मानें तो ये बिजली घर नजदीक में ही मौजूद लालपुर के लिए प्रस्तावित किया गया था।
- साथ ही तारों और खम्भों की लोकेशन से ये बात साफ़ है कि, पूरी सप्लाई यही से की जाती है।
सबने साधी चुप्पी:
- एक स्थानीय निवासी के अनुसार, जौहर यूनिवर्सिटी को बिजली कैंपस में मौजूद बिजली घर से मिलती है।
- जबकि विभाग का कहना है कि, यूनिवर्सिटी को बिजली रजा इंटर कॉलेज विद्युत उपकेन्द्र के फिटर से दी जाती है।
- लेकिन विभाग के इस दावे की धज्जियाँ खुद उनके ही द्वारा खींचे गए टार उड़ाते हैं।
- जिनसे साफ़ पता चलता है कि, कैंपस के अन्दर मौजूद पॉवर स्टेशन से ही यूनिवर्सिटी को बिजली मिलती है।
- वहीँ इस पूरे मामले में विभाग समेत सभी अधिकारियों ने पिछले 5 सालों से अपनी चुप्पी साधी हुई है।
- यूनिवर्सिटी में खुले आम हो रही बिजली चोरी/गड़बड़ी को शासन और सत्ता के डर के चलते रोकना जरुरी नहीं समझा गया।
- हालाँकि, UPPCL के नए MD ने आश्वासन दिया है कि, मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी।
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