स्वच्छ भारत का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा और इसे पूरा करने के लिये उन्होंने स्वच्छता अभियान की शुरूआत की। साथ ही पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने के लिये ओडीएफ योजना की भी शुरूआत की। जनपद गाजीपुर में ओडीएफ योजना के तहत करोड़ों रूपये आये और पूरे जनपद को दिसम्बर 2017 तक खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ करने का लक्ष्य भी रखा गया है पर ये योजना अपने अंजाम तक कितनी पहुँची।
सांसद ने गांव लिया है गोद
- ये दो गाँवों के रियलिटी चेक करने पर सामने आ गयी।
- इसमें एक खास बात ये है कि हमने जिन दो गाँवों का रियलिटी चेक किया उसमें से एक गाँव डेढ़गांवा सांसद आदर्श गाँव के तहत बलिया सांसद भरत सिंह ने चुना हुआ है।
- साथ ही ये शहीद एमएनराय का भी गाँव है, जो कि कुपवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद हुये थे पर वहाँ भी शौचालय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है।
अधबने शौचालय और कर दिया ओडीएफ घोषित
- हम बात कर रहे हैं गाजीपुर के सांसद आदर्श गाँव डेढ़गांवा और गाजीपुर सदर के तहत आने वाले धावां गाँव की।
- दोनों गाँव ओडीएफ योजना के तहत चयनित हैं।
- सबसे पहले हम पहुँचे रेवतीपुर ब्लाक के डेढ़गांवा गांव में जो कि सांसद आदर्श गाँव के तहत भी चयनित है।
- यहाँ जब हमने गाँव के लोगों से ओडीएफ योजना के बारे में पूछा और शौचालयों का भौतिक सत्यापन किया तो कोई भी शौचालय हमें पूर्ण रूप से उपयोग के युक्त नहीं मिला।
- किसी शौचालय का गड्ढा नहीं बना किसी की गड्ढा था तो उसमें ढक्कन नहीं था तो किसी की छत गायब थी।
- गाँव वालों का कहना था कि शौचालय जितना बना है उसमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।
- जिसके कारण शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सकता।
40 लाख की आयी थी धनराशि
- डेढ़गांवा में 330 शौचालय बनने के लिये करीब 40 लाख की धनराशि आयी थी पर वो कितनी उपयोग हुई या इन शौचालयों को देखने से स्पष्ट हो जाता है।
- फिर हम पहुँचे सदर ब्लाक के धावां सुखदेवपुर गाँव।
- वहां भी हमने शौचालयों का सत्यापन किया तो पाया कि कोई शौचालय उपयोग के लायक नहीं है।
- लोगों ने बताया कि जितने भी शौचालय बने वो मानक के अनुसार नहीं बने जिसकी वजह, इनका उपयोग कर पाना संभव नहीं है और अभी भी लोग खुले में शौच जाने के लिये मजबूर हैं।
- वहीं जब इस मामले पर डीपीआरओ से जानने की कोशिश की गयी तो उनका फोन नहीं उठा।
- मुख्य विकास अधिकारी चन्द्र विजय ने बताया कि शौचालय निर्माण में यदि गुणवत्ता में कोई कमी पायी जाती है तो उसे बरदास्त नहीं किया जायेगा और दोनों गाँव की अलग-अलग जाँच करायी जायेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।