यूपी के बिजनौर जिले में दिल्ली-पौड़ी हाइवे पर स्थित 52 हज़ार रकबे व करीब 6 हज़ार की जनसंख्या वाला ग्राम सुहेड़ी जो दो भागों में बंटा हुआ है। सुहेड़ी खुर्द और सुहेड़ी बुज़ुर्ग। यहां अधिकांश युवा वर्ग शिक्षा-दीक्षा से सम्पन है। हाल ही में इसे आदर्श ग्राम योजना के तहत बिजनौर से सांसद कुँवर भारतेन्द्र ने गोद ले लिया है। लेकिन गाँव के अंदर पहुँच लोगों से बात करने पर जो बातें पता चली वो तो कुछ और ही हकीकत बयान करती है।
गोद लेना केवल नाममात्र ही लग रहा
- ग्रामीणों की सुने तो गाँव को गोद लेना केवल नाममात्र ही लग रहा है।
- क्योंकि गोद लेने के कई महीने बीत जाने के बाद भी गाँव विकास से कोसों दूर है।
- यहाँ तक कि साँसद ने तो गाँव में दौरा करना तक पसंद नहीं किया।
- ग्रामीणों की समस्याएं भी ज्यों की त्यों बानी हुई हैं।
- गाँव में इंटर कॉलेज न होने के कारण आज भी छात्र-छात्राओं को कई किलोमीटर साइकिल व बसों में धक्के खाकर पढ़ने जाना पड़ता है।
- जिससे छात्राओं को ज़्यादा परेशानी होती है।
चूल्हा जलाकर खाना बनाने को मजबूर
- प्रधनमंत्री उज्जवला योजना चलते हुए भी गाँव के कई परिवार आज भी चूल्हा जलाकर काम करने को मजबूर हैं।
- यहां सड़के और नालियां भी खस्ता हालत में हैं।
- तो जल भराव होना एक आम परेशानी है।
- आज भी इस भी गांव के कई परिवार छप्पर , कड़ियों व पन्नियों के घरों में रहने को मजबूर है।
- रोज़गार की कमी के कारण कई परिवार गाँव से पलायन कर चुके हैं।
- बिजली के खंभे तो हैं लेकिन कई जगहों पर तार ही नहीं होना भी एक अहम समस्या बना हुआ है।
- गाँव के मौजूदा प्रधान व कई समाजसेवी लोगों ने गाँव व ग्रामीणों की समस्याओं के लिए सांसद को कई बार लिखित रूप बताने के बाद भी सांसद ने उनकी समस्याओं के लिए कोई कार्य करना तो दूर गाँव में उनका हाल तक देखना गवारा नहीं किया।