उत्तर प्रदेश पुलिस को हाईटेक बनाने की कोशिशें परवान पर हैं। चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं और अपराधियों का पीछा करने के लिए स्कार्पियो, इनोवा जैसी गाड़ियां दी जा रही हैं। इसी के साथ प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करायी है। जनता के दिलों तक पुलिस की पहुंच बनाने के लिए डीजीपी जावीद अहमद ने #twittersewa की शुरूआत की है।
- आठ सितंबर से शुरू यूपी पुलिस की ट्विटर सेवा से अब आपको अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए न तो थाने के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
- ना ही शिकायतों पर हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी के लिए दरोगा, एसपी से पैरवी करने की जरूरत होगी।
- यूपी पुलिस की छवि के साथ ही उसकी पुलिसिंग भी आईने की तरह साफ होगी। जो भी कुछ होगा वह सभी को दिखेगा।
यूपी पुलिस द्वारा शुरू की गई ट्विटर सेवा के संदर्भ में हमने डीजीपी के पीआरओ एएसपी राहुल श्रीवास्तव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि यह ट्विटर सेवा जनशिकायतों के समाधान के लिए कस्टमर रिलेशन मैनेजमेंट प्लेटफार्म की तरह कार्य कर रहा है। पेश है बातचीत के प्रमुख अंशः
सवालः- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आने का क्या कारण था ?
जवाबः-
- समय बदलने के साथ-साथ चीज़ों को भी बदलना होता है।
- जहां तक कानून व्यवस्था की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों से अपराध के पैटर्न में बदलाव आया है।
- वहीं सूचना प्रौद्योगिकी खासतौर पर सोशल मीडिया में उनका बेहतर समाधान भी दिखाई देता है।
- एक आम धारणा बनी हुई है कि पुलिस विभाग तकनीकी के मामले में पिछड़ा हुआ है।
- जबकि अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार अपने संसाधनों में इजाफा कर रही है
- ट्विटर सेवा के माध्यम से हमने एक और पहल की है।
- ट्विटर सेवा एक ऐसा मंच है जहां से पुलिस अपनी छवि को बेहतर बना सकती है और अपनी उपलब्धियों को बता सकती है।
सवालः- ट्विटर सेवा द्वारा रोज़ाना कितने मामले देखे जाते हैं और उस पर आप की क्या प्रक्रिया होती है ?
जवाबः-
- प्राप्त आकड़ों के अनुसार ट्विटर सेवा पर हर रोज़ लगभग 1000 से ऊपर शिकायतें आती हैं।
- हालांकि वास्तव में इतने मामले होते नहीं हैं, इन शिकायतों में से ज़्यादातर मामले झूठे होते हैं या फिर एक ही शिकायत को कई बार दोहराया गया होता है।
- 250 से 300 मामले ऐसे होते हैं जिनमें कार्रवाई की आवश्यकता होती है और इन शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है।
- आपको बता दें कि ट्विटर सेवा का अपना डैश बोर्ड है जहाँ पर सारे शिकायतें दर्ज होती हैं।
- इसके बाद यह शिकायतें सम्बंधित जिले या थाने के पास बढ़ाई जाती है और मामले में कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट भी ली जाती है।
- यही नहीं जिले में मामले की सुनवाई होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा इसका संज्ञान लिया जाता है।
सवालः- क्या आपके विभाग को भाषा अवरोध का सामना करना पड़ता है ?
जवाबः-
- ट्विटर सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए नयी भर्तियां की जा रही हैं।
- साथ ही प्रदेश के उन सिपाहियों को वरीयता दी गई है जो उच्च शिक्षा प्राप्त हैं साथ ही जिन्हें सोशल मीडिया में दक्षता हासिल है।
सवालः- आप #twittersewa और Dial-100 को किस तरह एकीकृत करते हैं ?
जवाबः-
- डीजीपी जावीद अहमद के अनुसार दोनों ही सेवाएं एक दूसरे से अलग हैं।
- उन्होंने बताया कि डायल-100 को UP-100 से एकीकृत किया गया है।
- इसके अलावा जल्द ही डायल-100 की एक Citizen app भी शुरू होने जा रही है।
सवालः- ट्विटर सेवा लॉन्च होने से लेकर अब तक की पुलिस को कितनी सफलता मिली है?
जवाबः-
- डीजीपी जावीद अहमद का मानना है कि ट्विटर सेवा के द्वारा अब तक कई नागरिकों को लाभान्वित किया जा चुका है।
- उन्होंने बताया कि इस सेवा के शुरू होने के साथ ही शिकायतों का दौर शुरू हो गया था।
- इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमने इन शिकायतों पर तेज़ी से कार्यवाही की है और आगे भी करते रहेंगे।
यूपी पुलिस ट्वीटर सेवा के शुरू होने के बाद ट्विटर पर मिली शिकायतों व उनके निस्तारण संबंधी किसी भी जानकारी को सीओ, एसपी से लेकर खुद डीजीपी भी देख सकेंगे। यूपी पुलिस ने जब ट्विटर का इस्तेमाल शुरू किया था तब उसके 6500 फालोअर ही थे। जो अब बढ़कर 57 हजार हो गए हैं। यही नहीं उम्मीद जताई जा रही है, कि अब यूपी पुलिस ट्विटर सेवा शुभारंभ होने के बाद पुलिस महकमे में एक नए युग की शुरूआत होगी।