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देश भर में की गई नोट बंदी के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लम्बी-लम्बी लाइनें कौन भूल सकता है. जिसमे करीब 150 से भी ज्यादा बेकसूर लोगों की जान चली गई थी. लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग स्थित एनईआर रेलवे स्टेशन पर ऐसी लाइन रोजाना देखने को मिलती है.
- ये लाइन नोट या कैश के लिए नहीं बल्कि ट्रेन की महेज़ एक सीट को पाने के लिए लगती है.
- बता दें कि लखनऊ से मुंबई के लिए रोज़ शाम 7:45 बजे ट्रेन”12533″पुष्पक एक्सप्रेस चारबाग एनईआर से निकलती है.
- जिसमे बैठने के लिए बड़ी संख्या में लोग दोपहर तकरीबन 12-1 बजे से ही लाइन में लग जाते है.
- हालांकि लोगों ने बिना थके हुए लाइन में लगे रहने का रास्ता भी ईजाद कर लिया है.
- यात्री दोपहर में पहले से पहुँच कर स्टेशन पर अपना सामान रख कर लाइन लगा लेते हैं.
- जिसके बाद शाम को ट्रेन प्लेटफार्म पर लगते ही ये लोग लाइन में खड़े हो जाते हैं.
- इस दौरान रेलवे पुलिस भीड़ और लाइन को कंट्रोल करने के लिए मौके पर मौजूद रहती है.
अगले पेज पर देखिये वीडियो के साथ पूरी खबर:
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प्रशासन और रेल यात्रियों के सामने बड़ी चुनौती-
https://www.youtube.com/watch?v=D-3lA_DQfU4
- ट्रेन की सीट के लिए लगने वाली ये सामान की लाइन प्रशासन और लोगों के लिए कभी भी बड़ी समस्या बन सकती है.
- बता दें कि स्टेशन परिसर में ऐसे रखे सामान की कोई खास जांच नही की जाती न ही इस पर कोई खास ध्यान ही दिया जाता है.
- ऐसे में कोई भी आसानी से सामान के साथ विस्फोटक या किसी अन्य तरह का खतरनाक पदार्थ रख सकता है.
- जिससे कभी भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है.
- रेल यात्रियों के सामने सिर्फ सीट पाना ही बड़ी चुनौती नही है.
- गौरतलब हो की ट्रेन के हर डिब्बे में बैठने के लिए सिर्फ 72 सीट होती है.
- लेकिन रोजाना इन डिब्बों में करीब 150 या उससे ज्यादा लोगों को सफ़र करना पड़ता है.
- ऐसे में इतनी भीड़ में एक ही जगह बैठे यात्री के पास मुंबई तक हिलने की भी जगह नही बचती.
- सबसे ज्यादा दिक्कत छोटे बच्चों के लेकर चल रही महिलाओं के सामने आती है.
- क्यों की इतनी भीड़ में वो बच्चों को लेकर शौचालय तक भी नही पहुँच पाती.
- यही नही ज्यादा भीड़ के चलते लोगों को शौचालय के पास भी बैठने को मजबूर होंना पड़ता है.
- जहाँ उन्हें दुर्गन्ध में वो मुंबई तक का सफ़र करना पड़ता है.
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