उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद बढ़ती छेड़छाड़ की वारदातों के कारण एंटी रोमियो दल (anti romeo squad) का गठन किया गया था. लेकिन इस टीम को लेकर शिकायतें भी आयी थीं. कई जगह पर ऐसी शिकायतें आयीं कि पुलिस बेवजह लोगों को तंग कर रही है. वहीँ कुछ मामले ऐसे भी आये जहाँ पुलिस ने बेवजह जोड़ों को मारने-पीटने में भी परहेज नहीं किया जबकि ऐसे निर्देश उन्हें नहीं दिए गए थे.
अब बदलेगा एंटी रोमियो दल के काम करने का अंदाज:
पूर्व डीजीपी जावीद अहमद द्वारा मार्च के महीने में इस दल का गठन किया गया था. लेकिन इस पर मॉरल पुलिसिंग करने और लड़के-लड़कियों से अभद्रता करने के आरोप लगे थे। इसके बाद डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि इस स्क्वॉड में सुधार किए जाएं।
- इसके लिए वुमन पावर लाइन के लिए एक करिकुलम डिजाइन किया गया है.
- इसमें तीन सेक्शन हैं जिनमें व्यवहार, कानून और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के बारे में बताया गया है.
एंटी रोमियो स्क्वॉड के लोग कैसे कपड़े पहनेंगे और वह किस तरह लोगों से व्यवहार करेंगे. - स्क्वॉड के लोग किसी भी युवा से उसका पहचान पत्र नहीं मांगेंगे.
- स्क्वॉड के लोग युवाओं को नैतिकता के पाठ नहीं पढ़ाएंगे.
- ट्रेनिंग में एक लीगल टीम कर्मियों को पोक्सो और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले क्राइम के बारे में बताने का काम करेगी.
साइकॉलजिस्ट स्क्वॉड के सदस्यों को ट्रेनिंग दी जायेगी. - सार्वजनिक स्थान पर कोई कपल ‘आपत्तिजनक’ स्थिति में पाया गया तो उन्हें केवल शाब्दिक चेतावनी दी जाएगी.
- उनसे किसी भी प्रकार की अभद्रता नहीं की जाएगी.
- स्क्वॉड (anti romeo squad) के लोग कपल से पूछताछ नहीं कर सकते हैं.
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