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यूपीपी का 12 दिन का ‘रिफ्रेशर कोर्स’ रोकेगा विभागीय विद्रोह

Refresher Course 12 Day of UP Police Will Stop Departmental Dispute

Refresher Course 12 Day of UP Police Will Stop Departmental Dispute

राजधानी लखनऊ के महानगर थाना क्षेत्र में स्थित रिजर्व पुलिस लाइंस में सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से 12 दिन का ‘रिफ्रेशर कोर्स’ तैयार कर प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया गया। डीजीपी ओपी सिंह ने दोपहर 12 बजे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस ‘रिफ्रेशर कोर्स’ के उद्घाटन कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह, एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्णा, एसएसपी कलानिधि नैथानी सहित तमाम पुलिस अधिकारी पहुंचे। बता दें कि ‘रिफ्रेशर कोर्स’ में पुलिस को लोगों के बीच काम करने के कुछ सूत्र सिखाए जाएंगे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]डीजीपी ने बढ़ाया पुलिसकमियों का हौसला[/penci_blockquote]
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अच्छाई की चर्चा कम होती है और एक गलती पूरे महकमे की छवि को बिगाड़ देती है। गलतियां बंद नहीं हो सकती हैं। लेकिन इनसे सबक लेना चाहिये। दोबारा गलती न हो, इसका पूरा ध्यान रखना चाहिये। साथ ही अनुशासित होकर अपनी डयूटी निभानी चाहिये। इस मौके पर डीजीपी ओपी सिंह ने सिपाहियों का हौसला भी बढ़ाया। उन्होंने सिपाहियों का हौसला बढ़ाने के लिये कई ऐसे उदाहरण भी दिये जिसमें पुलिसकर्मियों ने अपनी कर्तव्य परायणता से देश भर में यूपी पुलिस का मान बढ़ाया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एडीजी ने सिपाहियों को अनुशासित रहने की दी सीख[/penci_blockquote]
दरअसल ‘रिफ्रेशर कोर्स’ में पुलिस को लोगों के बीच काम करने के कुछ सूत्र सिखाए जाएंगे। उन्हें बताया जाएगा कि कैसे लोगों के साथ मानवीय ढंग से डील किया जाए। लोगों के बीच पुलिस को लेकर टूटते भरोसे को दोबारा स्थापित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने इसकी पहल करते हुये 12 दिन का रिफ्रेशर कोर्स तैयार किया है। लखनऊ के करीब 6 हजार सिपाहियों को इस कोर्स में कई तरह की ट्रेनिंग दी जायेगी। इसमें शस्त्र चलाने, उसके रखरखाव व अन्य जरूरी चीजों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस मौके पर एडीजी राजीव कृष्ण ने भी सिपाहियों को अनुशासित रहने की सीख दी और कहा कि ऐसे कोर्स उन्हें कई नई तकनीक का ज्ञान देने में भी मददगार साबित होंगे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]नए लड़कों में जोश अधिक होश कम- एडीजी कानून व्यवस्था[/penci_blockquote]
यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि आजकल जो नए लड़के पुलिस में भर्ती हुए है, उनके अंदर जोश अधिक और होश कम है। हम लोग इसके लिए रिफ्रेशर कोर्स चलाएंगे, जिसके तहत इन युवा पुलिसकर्मियों को हथियारों की हैंडलिंग, कानून और ह्यूमन राइट्स का ज्ञान दिया जाएगा। इस दौरान पब्लिक को कैसे हैंडल करना है, इसकी बारीकियों को सिखाया जाएगा। गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ में विवेक तिवारी की हत्या के बाद यूपी पुलिस के बर्ताव पर भी सवाल उठने लगे। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश पुलिस साल 2015 व 2016 में हुई भर्तियों के लिए ‘बर्ताव’ संबंधी एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सोमवार से हुआ है। इसको ‘रिफ्रेशर कोर्स’ का नाम दिया गया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पुलिस वेलफेयर के नाम पर बड़ा घोटाला [/penci_blockquote]
वर्षों से यूपी पुलिस में संगठन खड़ा करने की जद्दोजहद कर रहे और उत्तर प्रदेश पुलिस एसोसिएशन बना चुके बर्खास्त पुलिसकर्मी सुबोध यादव ने बताया कि हमारे अधिकारों की बात करने वाला कोई नहीं है। दर्जनों ऐसी समस्याएं हैं लेकिन उन पर कोई गौर नहीं करता। सबसे बड़ी समस्या फोर्स में ​छुट्टियों को लेकर है। अधिकतर सिपाही, दरोगा मानसिक रूप से भारी दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस वेलफेयर के नाम पर सिपाही की तनख्वाह से पैसे काट लिए जाते हैं। लेकिन वेलफेयर के नाम पर एक काम सामने नहीं आता है। इस पैसे की कोई जवाबदेही नहीं है। ये बड़ा घोटाला है, इसकी जांच होनी चाहिए।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पैसा साइकिल का देते हैं और काम हाईटेक चाहिए[/penci_blockquote]
यूपी पुलिस के ही एक चौकी इंचार्ज दरोगा कहते हैं कि एक तरफ जहां यूपी पुलिस को हाइटेक और तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किए जाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सिपाहियों को आज भी पुलिस अधिनियम 1861 के तहत साइकिल एलाउंस दिया जाता है। क्या यह व्यवहारिक है। कुछ पुलिसकर्मियों ने बताया कि वह विभाग से डाक लेकर जाते हैं या फिर कोई सरकारी काम से कहीं जाते हैं तो उन्हें जो किराये का पैसा दिया जाता है उसमें तो वह उस स्थान तक नहीं पहुँच पाते हैं। पैसे इतने कम मिलते हैं कि साईकिल से जाना पड़ता है। इतना ही नहीं ज्यादातर तो पुलिसकर्मी दूसरे से लिफ्ट लेकर वाहन पर बैठकर उस जगह तक पहुँचते हैं। विभाग में काम हाईटेक चाहिए लेकिन सुविधाएं पैदल जाने वाली दी जा रही हैं।

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