जैविक उत्पादों की प्रभावी मार्केटिंग करने की व्यवस्था पर जोर |
लखनऊ | प्रदेश सरकार ने किसानों और व्यापारियों को बड़ी राहत दी है सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को हुई मंडी परिषद की संचालक मंडल की बैठक में दो के बजाय डेढ़ फीसद मंडी शुल्क तथा आधा फीसद विकास शुल्क चार्ज करने पर सहमति बनी। यानी अब ढाई के बजाय दो फीसद ही मंडी व विकास शुल्क ही देना पड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि इस समय बाजार में जैविक उत्पादों की बहुत मांग है और इनकी अच्छी कीमत मिल रही है। ऐसे में किसानों को जैविक फसलें उगाने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ इनकी प्रभावी मार्केटिंग करने की व्यवस्था की जाए।
बैठक में कुल 22 प्रस्ताव पे मुहर |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंडियों में टेस्टिंग लैब स्थापित करने पर विचार किया जाए। बदलते परिवेश में मंडी परिषद नए प्रयोगों के लिए तैयार हो। बैठक में संचालक मंडल के समक्ष कुल 22 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिनमें मंडी परिषद के लिए वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए पुनरीक्षित व वर्ष 2020-2021 के आय-व्ययक का अनुमान संबंधी प्रस्ताव भी थे। इस मौके पर मंडी परिषद ने 51 लाख रुपये का चेक सीएम को कोविड केयर फंड के लिए भेंट किया।
मंडी परिषद क्षेत्र में आने वाले व्यापारियों, किसानों आदि की सुविधा के लिए सस्ती किचन व्यवस्था|
जैविक कृषि के लिए क्षेत्रों का चुनाव किया जाए। मंडी परिषद को अपनी संपत्तियों का प्रभावी इस्तेमाल करते हुए अपनी आय के स्रोत बढ़ाने चाहिए। आय के नए स्रोत सृजित करना अत्यंत आवश्यक है। योगी ने कहा कि मंडी परिषद क्षेत्र में आने वाले व्यापारियों, किसानों आदि की सुविधा के लिए सस्ती किचन व्यवस्था लागू की जाए।