आज देश गणतंत्र दिवस को सेलिब्रेट कर रहा है। आज के दिन कम्यूनिकेशन की बात इसलिए जायज है, क्योंकि हमारा गणतंत्र सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति का अधिकार प्रदान करता है। इससे मैसेज जाता है कि हम ऐसे देश के नागरिक हैं, जहां खुलकर जीने और संविधान के दायरे में रहते हुए अपने सपनों को पूरा करने की आजादी है। किसी भी देश में टेक्नॉलजी के डिवेलपमेंट के साथ-साथ सोशल विचारधाराओं का भी डिवेलपमेंट होना जरूरी है। सोशल मीडिया का अस्तित्व में आना इस दिशा में पहला कदम है।
फिलहाल देश में लाखों लोग फेसबुक, ट्विटर और ह्वाट्सएप से जुड़कर अभिव्यक्ति की आजादी का उपयोग कर रहे हैं। आज टेक्नॉलजी की दुनिया तेजी से बदल रही हैं। इसके माध्यम से आप पलक झपकते ही मनचाही चीजें ऑर्डर कर पाते हैं, दुनिया में अपनों से आसानी से संपर्क स्थापित कर पाते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि पिछले 20 साल में टेक्नॉलजी ने जीवन की दिशा और दशा को बदलने के साथ-साथ सोच को भी बदला है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनुपम कहते हैं कि गणतांत्रिक देश का मतलब है कि आप भीतर से आजाद हैं और अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में उन्मुक्त कदम बढ़ा सकते हैं। नई सोच के साथ किसी भी काम को अंजाम दे सकते हैं।
सोशल मीडिया पर गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देने का सिलसिला जारी है। लोग इस प्लेटफॉर्म का जबरदस्त इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बावजूद इसे सेलिब्रेट करने का जज्बा आज भी उसी अंदाज में दिखता है, जैसा कि बचपन में देखने को मिलता था। पेशे से डॉक्टर संजीव सक्सेना कहते हैं कि इसकी सीख स्कूल डेज से मिली। सुबह -सुबह गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल होने का जोश, झंडे को फहरते देखना, कल्चरल प्रोग्राम का हिस्सा बनना, जी भरकर मिठाइयां खाना आज भी याद है। हम सोशल मीडिया पर चाहे जितनी भी अभिव्यक्ति कर लें, लेकिन इस अंदाज में पर्व को सेलिब्रेट करने का मजा ही कुछ और है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सोशल मीडिया आज के दौर में कम्यूनिकेशन का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। यहां देश-दुनिया के बारे में जानकारी मिलती रहती है, फ्रेंड्स मिलेते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर अभिव्यक्ति की पूरी आजादी मिलती है। इसके अलावा बॉल्ग्स के जरिए भी लोग अपनी बात को रखते हैं। सोशल मीडिया का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यूथ इससे जुड़ा हुआ है। इसलिए आज के दौर में सरकार भी सोशल मीडिया के फीडबैक को गंभीरता से लेती है। ऐसे में यह कहना सही होगा कि सोशल मीडिया ने पूरे परिदृश्य को बदलकर रख दिया है।
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