आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उप्र की प्रान्तीय कार्यसमिति की सोमवार को एक बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें द्वितीय व तृतीय चरण के विधानसभा चुनाव की समीक्षा की गयी।
नरेन्द्र मोदी पर आरक्षण समर्थकों ने कसा तंज
- कार्यसमिति की बैठक में संघर्ष समिति के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए यह सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री अनेकों बार उप्र में जनसभाओं में आप बहुत मुद्दे उठा चुके हैं।
- परन्तु शायद यह भूल गये कि लोकसभा में आपके कार्यकाल के पहले से पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक सशोधन 117वां बिल लम्बित है।
- जिसके चलते प्रदेश में 3 लाख से ज्यादा दलित कार्मिकों का उत्पीड़न हुआ।
- मगर आप द्वारा इस मुद्दे पर एक बार भी चुप्पी नहीं तोड़ी गयी।
- इससे यह पूरी तरह सिद्ध होता है कि देश के दलित समाज को मिलने वाले संवैधानिक अधिकार से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कोई लेना देना नहीं है।
- जिससे प्रदेश क्या पूरे देश का दलित समाज भाजपा द्वारा बिल न पास करने के कृत्य की घोर निन्दा करता है।
- निश्चित ही वोट की ताकत दलित समाज इसका हिसाब उप्र विधानसभा चुनाव में बराबर करेगा।
- आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति के प्रमुख संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश का 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिक व 2 लाख दलित शिक्षक उसके नाते रिश्तेदार मिलाकर प्रदेश में करोड़ों वोटर इसबार 100 प्रतिशत एकजुट होकर वोट की ताकत से अपने संवैधानिक हित की रक्षा के लिये आरक्षण समर्थक सरकार बनवाने के लिये आमादा हैं।
- विगत दिनों प्रथम चरण के चुनाव में लाखों आरक्षण समर्थकों ने अपनी एकजुटता का परिचय दिया है।
- विधानसभा के आने वाले अन्य चरणों के लिये संघर्ष समिति अपने सभी आरक्षण समर्थकों से अपील करती है कि वह करो मरो की तर्ज पर अपना योगदान दें।
- पिछले 4 वर्षों से चलाये जा रहे आन्दोलन का परिणाम 11 मार्च को आ रहा है, ऐसे में सभी अपना शत प्रतिशत योगदान देकर आरक्षण समर्थक बनने की खुशियां मनाने के लिये तैयार रहें।
- आरक्षण समर्थक सरकार बनने के बाद स्वतः ही उप्र में दलित कार्मिकों का उत्पीड़न समाप्त हो जायेगा।