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मथुरा: एक गाँव ऐसा जहां करवाचौथ का व्रत रखने पर हो जाती है पति की मौत

देश के कई हिस्‍सों में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ व्रत करती हैं. लेेकिन मथुरा जिले के कस्बा सुरीर का एक मौहल्ला ऐसा भी है, जहाँ महिलाओं को करवाचौथ का व्रत करने की सख्त मनाही है. माना जाता है कि वहां ऐसा करने से उस महिला के पति की मृत्यु हो जाती हैं।

महिलाओं को करवाचौथ का व्रत रखने की है सख्त मनाही

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के सुरीर कस्बा मांट तहसील क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं करवाचौथ का व्रत नहीं करतीं। यहां एक बहुत पुरानी कहानी प्रचलित है कि एक नव विवाहिता के पति की इसी दिन हत्या हो गई थी। उस महिला ने इस कस्बे को श्राप दिया कि इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं के पति की मौत हो जाएगी।

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गाँव की है मान्यता: करवा चौथ के व्रत से कम हो जाती है पति की उम्र

संयोगवश, करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं के पति की मौत भी हो गयी और उन्हें इसी प्रसंग से जोड़ दिया गया. जिसके बाद से इस गाँव में करवा चौथ का व्रत रखना वर्जित हो गया.

गाँव की एक स्थानीय महिला देववती से जब इस बारे में हमने बात की तो उन्होंने बताया कि आम मान्यताओं के अनुसार यहां के राम नगला गांव का रहने वाला एक ब्राह्मण युवा अपनी नवविवाहित पत्नी के साथ मथुरा के सुरीर इलाके से भैंसा बुग्गी लेकर जा रहा था.

करवाचौथ के दिन हुई थी पति की हत्या:

तभी इस कस्बे के कुछ लोगों ने उसे भैंसा चुराने के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला. वह करवाचौथ का दिन था.

जिसके बाद करवाचौथ के दिन अपने पति की मौत के बाद क्रोधित नवविवाहिता ने कस्बे को श्राप दिया कि यहां करवाचौथ करने वाली किसी भी महिला का पति जीवित नहीं रह पाएगा और वह महिला अपने पति की चिता के साथ सती हो गई।

बताया जाता है कि इस घटना के बाद इलाके के कई महिलाओं ने करवाचौथ का व्रत किया. संयोगवश, उनके पतियों की मृत्यु हो गई.

महिलाएं करती है सती की पूजा:

इस बात ने उन्हें सती के श्राप में विश्वास करने को मजबूर किया. जिसके बाद से इस दिन इलाके की शादीशुदा महिलाएं करवाचौथ का व्रत नहीं करतीं. इसके बजाय वे उनके इलाके में बनाए गए सती मंदिर पर जाकर पूजा-अर्चना करती हैं और अपने पति के लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं.

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