नोंएड़ा और दिल्ली को एक दूसरे से जोड़ने वाले कई ऐसे रोड हैं जिनसे गुजरने पर लाखों लोग रोजाना टोल टैक्स के रूप में डीएनडी को एक निश्चित धनराशि अदा करते हैं। डीएनडी सालों से टोल टैक्स के नाम पर लोगो से पैसे वसूल तो रहा है लेकिन वसूली गई इस रकम के बदले डीएनडी खुद कुछ भी आयकर विभाग को नहीं दे रहा है जिसकी वजह से मुनाफे की मलाई खा रहे डीएनडी पर आयकर विभाग की नजर पड़ गई है।
अफसरों ने किया बड़ा खेलः
- डीएडी घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है।
- बताया जा रहा है कि पीपीपी मॉडल के तहत डीएनडी का निर्माण देश का भ्रष्टतम उदाहरण है।
- इसका पूरा ताना-बाना यूपी के 3 आईएएस अधिकारियों ने बुना था।
- जो अब डीएनडी के अहम पदों पर हैं।
- यह यूपी और दिल्ली सरकार का साझा उपक्रम है।
- जिस वक्त डीएनडी को मंजूरी दी गई उस वक्त राज भार्गव सूबे के मुख्य सचिव थे जो अब डीएनडी के चेयरमैन हैं।
- वहीं यूपी के रिटायर IAS हरीश माथुर डीएनडी के सीईओं बने हुए हैं।
- इसके साथ ही उस वक्त दिल्ली में पीडब्लू सचिव रहें सनत कौल डीएनडी में डॉयरेक्टर पर पर हैं।
- पूर्व आईएएस पीयूष मनकड़ भी अब DND के डॉयरेक्टर हैं।
- ये सभी अधिकारी जब सरकार में थे तो डीएनडी को मंजूरी दी।
- अब रिटायर होने के बाद यही लोग कम्पनी के मालिक बन गये हैं।
- इस घोटाले में तत्कालीन दिल्ली सरकार के कई अफसर शामिल थे।
409 करोड़ की सड़क पर दिखाया 3200 करोड़ का खर्चः
- यही नहीं 409 करोड़ की लागत से बनी सड़क पर 3200 करोड़ खर्च दिखाया गया।
- आरोपियों की साजिश 2070 तक टोल टैक्स वसूलने की थी।
- इस प्रकरण में यूपी सरकार और दिल्ली सरकार के तत्कालीन अफसरों का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है।
- इन लोगों ने डीएनडी की कंपनी NTBCL को 100 एकड़ जमीन दी थी।
- ऑफिस के लिए दी गई इस जमीन को दूसेर उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया।
- इस वक्त जमीन की कीमेत 2,000 करोड़ा रूपये बताई जा रही है।
- यहीं नहीं आरोपी प्रतिदिन का टोल कलेक्शन 25 लाख रूपये दिखा रहें थे।
- जबकि एक एनजीओं के सर्वे में खुलासा हुआ है कि रोजाना 60 लाख का टैक्स वसूला जा रहा था।
- इन लोगों ने वसूली की अवधि बढ़ाने के लिए टोल टैक्स के कलेक्शन को कम करके दिखाया।
- जिससे की 2070 तक डीएडी पर अरबों रूपये की वसूली की जा सके।
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पूरी लागत निकलने के बाद भी जारी है वसूलीः
- डीएनडी अपनी इनकम के नाम पर आयकर वालों को कई सालों से कोई टैक्स नहीं दे रहा है।
- डीएनडी ने अब तक टैक्स के नाम पर लोगों से अरबों वसूल कर लिए हैं।
- सुंदर, सपाट और शानदार डीएनडी की कहानी में कई झोल हैं।
- जमीन से लेकर टैक्स तक कई सवाल हैं।
- लेकिन इन सवालों के जवाब देने के लिए डीएनडी का कोई अधिकारी सामने आया ही नहीं।
- 7 फरवरी, 2001 को नोएडा डीएनडी शुरू हुआ था।
- डीएनडी की कुल लंबाई 9.2 किलोमीटर है।
- नोएडा की तरफ से 31 और मयूर विहार की तरफ से 11 टोल प्लाजा हैं।
- जहां से डीएनडी पर रोजाना 2 लाख 20 हजार के करीब वाहन गुजरते हैं।
- जिनसे टैक्स के रूप में डीएनडी को रोजाना 27 लाख रूपए मिलते हैं।
- प्रतिदिन हो रही कमाई के हिसाब से कपंनी अब तक अपनी पूरी लागत वसूल कर चुकी है।
- लेकिन इसके बाद भी यह सवाल बना हुआ है कि कंपनी अपनी लागत वसूल करने के बाद भी लोगों से टैक्स क्यों वसूल रही है।
- वैसे अब आयकर विभाग इस पूरे मामले पर नजर बनाए है कि डीएनडी के लिए कितनी जमीन थी, डीएनडी कितने में तैयार हुआ और कितना बचा हुआ है।
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