किसी भी युद्ध में वायुसेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और वायु सेना की रीढ़ की हड्डी होते हैं। वायु सैनिक और इसीलिये एक-एक वायु सैनिक का जीवन अनमोल होता है। पर क्या आप जानते हैं कि इस साल हमारे देश भारत की वायु सेना ने कितने अनमोल वायु सैनिक गवां दिए हैं? नहीं न, तो चलिए अब हम आपको इसकी सटीक जानकारी दिए देते हैं। क्योंकि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई पर भारत के वायु सेना मुख्यालय ने जो जानकारी दी है उससे यह चौंकाने वाला खुलासा हो गया है कि चालू साल 2017 के शुरुआती 10 महीने में ही पिछले 9 सालों के बराबर यानि कि 1 जनवरी 2008 से 31 दिसम्बर 2016 तक के समय में शहीद हुए वायुसैनिकों के बराबर वायुसैनिक शहीद हो गए हैं।
ये हैं आरटीआई के जबाव के आंकड़े
- देश में पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में काम रहे संजय शर्मा ने बीते सितम्बर महीने की 4 तारीख को भारत के रक्षा मंत्रालय में एक आरटीआई अर्जी भेजी थी।
- नई दिल्ली स्थित भारत के वायु सेना मुख्यालय की विंग कमांडर और केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी सुमन अधिकारी ने संजय को जो सूचना दी है।
- उसके अनुसार देश ने साल 2007 में 2, साल 2008 में 1, साल 2013 में 5, साल 2016 में 1 और चालू साल 2017 के शुरुआती 10 महीनों में 7 वायुसैनिक गवां दिए हैं।
- उनको दी गई सूचना से स्पष्ट है कि साल 2007 से 2013 तक के पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम 7 सालों में 8 वायुसैनिक शहीद हुए थे।
- जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरंभिक साढ़े तीन साल में ही 8 वायुसैनिक शहीद हो गए हैं।
- इस आधार पर संजय का कहना है कि अगर दोनों प्रधानमंत्रियों के कार्यकालों की तुलना करें तो वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश के वायुसैनिकों के शहीद होने की दर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल की दर से दोगुनी हो गई है।
- वायुसैनिकों के शहीद होने की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संजय ने इन घटनाओं को देश की अपूर्णनीय क्षति बताया और देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वायुसैनिकों के शहीद होने की दर के दोगुना होने के कारणों की खोज करने के लिए जांच कराने और आवश्यक कदम उठाकर अनमोल वायुसैनिकों के शहीद होने की दर को कम करने के आवश्यक उपाय करने की मांग उठाने की बात भी कही है।