राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कुशीनगर में मानव रहित रेलवे क्राॅसिंग पर हुये रेल हादसे के प्रति गहरा दु:ख व्यक्त करते हुये कहा कि मानव रहित रेलवे क्राॅसिंग यदि खत्म कर दिये गये होते तो यह हृदय विदारक घटना न होती। उन्होंने इस घटना के लिए रेल प्रशासन को जिम्मेंदारी मानते हुये घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।
गेट मित्रों को हटाने का आरोप
अनिल दुबे ने कहा कि पूरे देश में 7701 मानव रहित रेलवे क्राॅसिंग हैं। मानव रहित क्राॅसिंग होने के कारण ऐसे रेल हादसे हो रहे हैं और लोग असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं। लेकिन सरकार उन घटनाओं से सबक नहीं ले रही है और मानवरहित क्राॅसिंग बंद नहीं हो रही है। इतना ही नहीं उन क्राॅसिंगों पर तैनात गेट मित्र को भी रेल मंत्रालय द्वारा हटा दिया गया। जिससे कारण रेल हादसों की संख्या में वृद्वि हो रही है।
रेलवे की बड़ी लापरवाही वर्षो से चली आ रही
उन्होंने कहा कि ऐसे ही वर्ष 2016 में भदोही जिले में भी मानव रहित क्राॅसिंग के चलते हादस हुआ था। जिसमें 8 बच्चों समेत 9 लोगों की मौत हो गयी थी। रेलवे की बहुत बड़ी लापरवाही है जो वर्षो से चली आ रही है। प्रतिवर्ष मानव रहित रेवले क्राॅसिंग पर हादसे होते है और हजारों लोग की जाने चली जाती हैं। सरकार को चाहिए की मानव रहित क्राॅसिंग को खत्म करके ब्रिज बनाने चाहिए जिससे यह समस्या समाप्त हो सके और हादसों को रोका जा सके।
मृतक के परिजनों को 50-50 लाख रूपये मुआवजे की मांग
उन्होंने केन्द्र और प्रदेश सरकार से मांग की है कि घटना की जांच के लिए एक टीम गठित करते हुये घटना के कारणों का पता लगाया जाय और मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रूपये और घायलों को 5-5 लाख रूपया मुआवजे के रूप में दिया जाय। साथ ही पूरे देश में जितनी भी मानव रहित रेलवे क्राॅसिंग है उनको खत्म करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर ठोस कार्यवाही आरम्भ करें।