कल चंदौली में हुए नामकरण समारोह के बाद मुगलसराय जंक्शन आधिकारिक रूप से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जाने लगा. चंदौली में सपा कार्यकर्ताओं ने जूलूस निकालकर नाम बदलने का विरोध किया.कुल मिलाकर कहीं विरोध तो कहीं उत्सास के बीच कार्यक्रम संपन्न हुआ. इसी कड़ी में अब राष्ट्रीय लोकदल ने नाम बदलने की पॉलिटिक्स पर निशाना साधा है.
नाम बदलने से कुछ नहीं बदलने वाला:
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने से व्यवस्था परिवर्तन संभव नहीं है क्योंकि रेलवे में किराया बढ़ाना एक रिवाज बन गया है. इसका रेल मंत्री द्वारा भरपूर प्रयोग किया गया है।
केवल छोटे स्टेशन का अपग्रेडेशन हुआ:
प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा की सुविधाओं के नाम पर वर्तमान केन्द्र सरकार के सम्पूर्ण कार्यकाल में कुछ भी देखने को नहीं मिलता है। केवल अपने निजी ठेकेदारों के माध्यम से छोटे छोटे स्टेशनों को उच्चीकृत किया जा रहा है। स्टेशनों का अपग्रेडेशन सुविधाओं के नाम पर नाकाफ़ी है।
ज़रूरत ट्रेन को सही समय पर चलाने की है:
रालोद प्रवक्ता ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि ट्रेनों में सफर करते समय यात्रीगण सुरक्षित महसूस कर सके और रेलगाडी समय के अनुसार उन्हें मंजिल तक पहुंचा दे। देखा यह जा रहा है कि ट्रेेने 18-18 घण्टे लेट होने के बाद रद्द कर दी जाती है। ऐसी दशा में देश के करोड़ों बेरोजगार अपनी परीक्षाएं देने अथवा साक्षात्कार देने से वंचित रह जाते हैं जो बेरोजगारों के साथ अन्याय है।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करे रेलवे:
प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि यात्रा करते समय गम्भीर बीमारियों की स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं भी तत्काल रेलवे द्वारा उपलब्ध नहीं हो पाती है जिससे कई बार मरीजों की दशा बिगडने के साथ साथ उनकी मृत्यु तक हो जाती है अथवा किसी गर्भवती महिला को प्रसव ट्रेन में अथवा स्टेशन पर हो जाता है जो रेल विभाग की अर्कमण्यता है।
कम दूरी की ट्रेनों की संख्या बढ़ाए:
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने केन्द्र सरकार से मांग करते हुये कहा कि जनता को सुविधाएं देने की दृष्टि से तथा सही समय से मंजिल तक पहुंचाने के लिए कम दूरी की इण्टरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनें अधिक मात्रा में चलाई जाए और यात्रियों को सफर करते समय सुविधाओं का ध्यान रखा जाये।
उन्होंने कहा की केन्द्र और प्रदेश सरकारे केवल स्टेशनों अथवा योजनाओं के नाम बदलकर अपने कर्तव्य की इतिश्री न समझे क्योंकि देश और प्रदेश की जनता ने उन्हेें भरपूर समर्थन देकर देश और प्रदेश की बागडोर सौंपी है।