विधानसभा चुनाव में रोडवेज बसअड्डे से 65 बसें अधिग्रहीत कर ली गई हैं। आधे से अधिक बसों के अधिग्रहण के चलते बस की किल्लत उत्पन्न हो गई है।
- लखनऊ, फैजाबाद, इलाहाबाद आदि मार्गों पर बसों का टोटा है।
- ऐसे में गैर जनपद से आने वाली बसों का ही सहारा है।
- इसके चलते यात्री बसअड्डे पर भटकते दिखे।
- बसों के पहुंचते ही उसमें सवार होने के लिए धक्का-मुक्की की स्थिति रही।
- यह हालत चुनाव तक बरकरार रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बस अड्डे पर बसों की किल्लत से जूझ रहे यात्री
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- शहर में स्थित रोडवेज बस अड्डा मौजूदा समय बसों की भारी कमी से जूझ रहा है।
- जिला मुख्यालय से परिवहन निगम की कागजों पर 105 बसें संचालित हो रही हैं।
- लेकिन देखरेख के अभाव में 24 बसें जर्जर अवस्था में पंहुच चुकीं हैं।
- यह बसें रोडवेज के वर्कशाप पर खड़ी धूल फांक रहीं हैं।
- जबकि चुनाव आयोग द्वारा 65 बसों को चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहीत कर लिया है।
- ऐसे में अब मौजूदा समय जर्जर बसों समेत महज 40 बसें ही परिवहन निगम के पास बहराइच रोडवेज बसअड्डे पर हैं।
- जबकि करीब 130 बसें गैर जनपदों से प्रतिदिन जिला मुख्यालय आतीं थीं।
- लेकिन दूसरे बसअड्डे की बसें भी चुनाव ड्यूटी में लगी हैं।
बैठने को लेकर धक्का-मुक्की
- ऐसे में गैर जनपदों से आने वाली बसों की संख्या भी आधी से कम रह गई है।
- जबकि प्रतिदिन बहराइच से लखनऊ, फैजाबाद, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, दिल्ली,
- कानपुर व आसपास के जिलों के लिए 1700 से अधिक यात्री यात्रा करते हैं।
- अचानक बसों की कमी के चलते यह यात्री संसाधन के अभाव में भटकने को मजबूर हैं।
- हालात यह हैं कि गैर जनपद से आने वाली बसों के पहुंचते ही उनमें सवार होने के लिए धक्का-मुक्की शुरू होती है।
- ऐसे में जैसे-तैसे लोग गंतव्य को रवाना हो रहे हैं।
- यात्री गंतव्य तक पंहुचने के लिए रोडवेज बस अड्डे पर घंटो खड़े रहना पड़ रहा है।
- बसों की कमी से निजी वाहन स्वामियों की चांदी है।
- मजबूरी में यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस सम्बन्ध में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अवधेश कुमार पाल ने बताया कि आयोग के निर्देश पर चुनाव कार्य में जिले से 65 बसों को भेजा गया है।
- लेकिन इसके बावजूद मुख्यालयों पर बसों की कमी नहीं है।
- उन्होंने बताया कि रोडवेज से संचालित सभी बसें पूर्णतया दुरुस्त है।
- बसों को विभिन्न मार्गो पर संचालित किया जा रहा है, बाहर से बसें निरंतर आ रही हैं।