राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम थाना क्षेत्र स्थित चौधरीपुरवा में हथियार बंद डकैतों ने 22 मजदूरों को बंधक बनाकर जमकर पीटा और एक लाख 30 हजार की नकदी समेत अन्य सामान लूट ले गए। पुलिस डकैती के मुकदमे को चोरी में दर्ज करके मामले को दबाने में जुटी है। इंस्पेक्टर जानकीपुरम का कहना है कि छह से सात बदमाश थे और उनका मजदूरों से आमना-सामना भी हुआ। जाहिर है इंस्पेक्टर के बयान से ही डकैती की धाराओं में रिपोर्ट बनती है, लेकिन फिर भी मामला चोरी में दर्ज किया गया। बदमाश नकदी के साथ पांच मोबाइल फोन, घड़ी भी उठा ले गए। बदमाशों का एक किशोरी ने विरोध किया और शोर मचाया। मजदूरों के भिड़ने पर बदमाश मौके से भाग निकले। मजदूरों ने जानकीपुरम थाने में डकैती की तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने उसमें खेल करके चोरी में मामला दर्ज किया।
जानकारी के अनुसार, लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर समेत आस-पास के जिलों से यहां काम करने आए मजदूर चौधरीपुरवा स्थित एक निर्माणाधीन मकान में सो रहे थे। ठेकेदार सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रोजाना की तरह मजदूर परिवार समेत काम से लौटे थे। सबके कपड़ों में पैसे थे। राजीव कुमार से मोबाइल और 53 हजार रुपये व अन्य सामान। पप्पू से मोबाइल और 13,500 रुपये, कपड़ा बैग आदि। राहुल से मोबाइल और 4600 रुपये, घड़ी व कपड़े। जयसिंह से मोबाइल, 6900 रुपये व अन्य सामान। अनिल कुमार, मोबाइल और आठ हजार रुपये। सूरज से 4200 रुपये। अनिल सिंह से 5500 रुपये व कपड़ा आदि। कुंती राम से छह हजार रुपये। राजकुमार से पांच हजार रुपये।
हंसराज से 11,500 रुपये व सोने की चेन। दुर्गेश से पांच हजार रुपये। अवधेश से पांच हजार रुपये। कमलेश से चार हजार रुपये। रामदास से 6500 रुपये। मिथुन से तीन हजार। रामचंद्र से सात हजार रुपये। सूरज सिंह से 12 हजार रुपये। जुगनू से 5500 रुपये। विक्की से छह हजार रुपये। मदन से 2150 रुपये व बर्तन। नीलम से बीस हजार और सरिता से पांच हजार और बैग। मजदूरों के परिवार की एक किशोरी ने हिम्मत दिखाकर बदमाशों से भिडऩे का प्रयास किया, जिसपर बदमाशों ने उसे पकड़कर पीटना चाहा। यह देखकर सभी मजदूर एकजुट हो गए और बदमाशों को दौड़ा लिया। जिसपर बदमाश भाग निकले।
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