केन्द्र सरकार कर्मचारियों से छल कर रही है। सरकार ने पे-कमीशन की रिपोर्ट को जनवरी 2016 से लागू किया और भत्तों को जुलाई 2017 से दिए जो कर्मचारियों के साथ धोखा है। वर्तमान समय में रेलवे की संरक्षा भी काफी कठिन दौर से गुजर रही है, क्योंकि संरक्षा से जुड़े करीब दो लाख सत्तासी हजार पद आज भी खाली हैं। ये बातें कर्मचारियों को संबोंधित करते हुए एनई रेलवे मजदूर यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष बसंत लाल चतुर्वेदी ने कही।
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12 घंटे कर रहे काम
- बसंत लाल चतुर्वेदी ने कहा कि बीते दो वर्षों से आरआरबी एवं आरआरसी द्वारा भर्तियां बंद हैं।
- जिससे की संरक्षा से जुड़े काफी पदों का बैकलॉग हो गया है।
- केन्द्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारत सरकार देश के 24 बड़े स्टेशनों को ठेके पर देने जा रही है।
- और लगभग दो सौ स्टेशनों के ठेके पर दिए जाने का प्रस्ताव है, जो रेलवे को बेचने की साजिश है। उन्होंने कहा कि मंडल में कर्मचारियों की भारी कमी है।
- इसी कारण कर्मचारियों को आठ के स्थान पर 12 घंटे काम करना पड़ रहा है।
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- कर्मचारी नेताओं ने ये मांग भी की कि जिस प्रकार डबल डेकर एक्सप्रेस में चलने वाले कर्मचारियों को ओवर टाइम का भुगतान हो रहा है।
- यही सुविधा पुष्पक एवं अन्य ट्रेनों वाले कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाए।
- वहीं यूनियन के केन्द्रीय महामंत्री केएल गुप्ता ने कर्मचारियों के समक्ष अपने विचार व्यक्त किए।
- उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि जिस प्रकार रोजाना ट्रेनों का संचलन बढ़ाया जा रहा है।
- उसी अनुपात में कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जाए ताकि ट्रेनों का संचलन ठीक प्रकार से हो सके।
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