ताजमहल के अंदर सीआईएसएफ और बाहर स्थानीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था देखती है। लेकिन इसके बावजूद आये दिन कई वाहन सुरक्षा-व्यवस्था को धत्ता बताते हुए पूर्वी गेट तक पहुंच जाते हैं जो दिखाते है कि ताजमहल की सुरक्षा में झोल ही झोल हैं। साफ है कि ताजमहल की सुरक्षा भगवान भरोसे ही चल रही है।
हर साल खर्च होते हैं 38 करोड़ रुपये
- दुनिया के अजूबों में गिनी जाने वाली 17वीं सदी की इस स्मारक की सुरक्षा के लिए लगभग 475 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
- इसमें सीआईएसएफ के 279 और उत्तर प्रदेश पुलिस के लगभग 200 पुलिस के जवान हैं।
- सीआईएसएफ मुख्य ताज परिसर के लिए जिम्मेदार है।
- राज्य पुलिस स्मारक के चारों तरफ 500 मीटर दायरा की सुरक्षा करती है।
- जिसे येलो जोन के नाम से जाना जाता है।
- ताजमहल की रक्षा करने के लिए आंकड़ों के मुताबिक, सीआईएसएफ पर लगभग 30 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश पुलिस पर आठ करोड़ रुपये पर खर्च किए जाते हैं।
अवैध निर्माण ताज सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
- ताजमहल स्मारक के आसपास विशेष रूप से दक्षिणी गेट पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण ताज की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
कई बार ताज सुरक्षा में लग चुकी सेंध
- 17 मार्च 2015 को ताजमहल के ऊपर से होकर पैराशूट गुजरा। इस ऐतिहासिक क्लासिक इमारत की संवेदनशीलता को देखते हुए किसी तरह के उड़ान पर प्रतिबंध है। लेकिन इसके ऊपर पैराशूट कैसे पहुंचा ये बड़ा सवाल बन गया।
- 29 अप्रैल 2016 को ताजमहल की सुरक्षा में रात को सेंध लगाकर तीन युवक इसके वॉच टॉवर पर चढ़ गए। हालांकि, सीआईएसएफ की सतर्कता से तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
- 22 मई 2016 को ताज सुरक्षा में एक पर्यटक की गाड़ी ने सेंध लगा दी। दो बैरियर पार कर मिनी बस पूर्वी गेट रोड स्थित शीला होटल तक पहुंच गई, इससे सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया था।
- 6 नवम्बर 2016 को एक बार फिर से ‘मोहब्बत की निशानी’ ताज महल की सुरक्षा में सेंध लगी है। यहां एक कार पुलिस की दो बैरीकेड को क्रास करते हुए आगे निकल गई। सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि आतंकी धमकियों के चलते ताज की विशेष सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन यहां पर पुलिसकर्मी उस संदिग्ध कार को रोकने में नाकाम रहे।
- 3 फरवरी 2017 को देश के अतिसंवेदनशील ऐतिहासिक स्थल ताजमहल की सुरक्षा में एक युवक ने सेंध लगाने का मामला सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियों के चलते युवक की कोशिश नाकाम रही।
- 23 फरवरी 2017 को ताजमहल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए एक पर्यटक ने सुबह ताज और उसके प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाया। इस बात का पता चलने पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों में खलबली मच गई।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- आतंकी संगठन की धमकी मिलने के बाद ताज की सुरक्षा में तैनात सीओ प्रभात कुमार ने बताया कि ताज की सुरक्षा को लेकर मॉक ड्रिल की गई।
- स्वाट जवानों से लैस इस टीम ने चप्पे-चप्पे पर तलाशी ली और खतरे की किसी भी स्थिति से निपटने का तैयार होने का भरोसा दिलाया।
- वहीं जिलाधिकारी आगरा गौरव दयाल ने बताया कि ताजमहल की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क है।
- ताज महल के पांच सौ मीटर के दायरे में किसी भी तरह की उड़ान प्रतिबंधित की गई है।
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