राजस्व विभाग के संग्रह अमीन 11 सूत्रीय मांगो को लेकर 3 दिवसीय कार्यवहिष्कार पर हैं। संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने बताया है, कि वर्ष 2016 में प्रदेश व्यापी आन्दोलन के बाद प्रमुख सचिव राजस्व के साथ हुई वार्ता पर बनी सहमति के बाद आन्दोलन स्थगित कर दिया गया था।
सहमतियों के वाबजूद अभी तक संवर्ग कि ग्रेड वेतन में वृद्धि, सामयिक सेवाओं को जोडने, पात्रों को द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान देने मानक प्रथा समाप्त करने, पदनाम परिवर्तन करने, शैक्षिक योग्यता स्नातक करने जैसे मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। संगठन के महामंत्री इन्द्रपाल तिवारी ने बताया की अपनी मांगों की पूर्ति हेतु प्रदेश भर के संग्रह अमीनों द्वारा संवर्ग की दिनांक 26, 27 व 28 अक्टूबर, 2017 को तीन दिन काली पट्टी बान्धकर वादा निभाओ कार्यक्रम व दिनांक 27 दिसंबर 2017 को तहसील स्तर पर एक दिवसीय धरना व ज्ञापन प्रेषित किये जाने के बावजूद सरकार व शासन द्वारा संवर्ग की न्यायोचित मांगों का निस्तारण न किये जाने के कारण कार्यवहिष्कार की स्थिति उत्पन्न हुई है। तथा मांगों के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैये से संग्रह अमीन संवर्ग में आक्रोश है।
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पूरे प्रदेश में तीन दिवसीय कार्यवहिष्कार किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि कार्यवहिष्कार के प्रथम दिन वसूली का कार्य शत प्रतिशत बाधित रहा। यदि समय रहते मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं किया जाता है, तो अग्रिम निर्णायक लड़ाई का निर्णय संवर्ग हित में लेना पड़ेगा। कार्यवहिष्कार के द्वितीय दिवस भी शासकीय वसूली प्रभावित रही। एक अनुमान के अनुसार 75 जिलों की सभी तहसीलो के संग्रह अमीनों के वसूली से विरत रहने के कारण लगभग 390 करोड़ की वसूली नहीं हो सकी है। संगठन द्वारा पूरे प्रदेश की व्यापक समीक्षा की जा रही है, जिससे आन्दोलन कर अगली योजना पर विचार किया जा सके। जिसमें पूर्ण हड़ताल भी की जा सकती है।