उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला के सहायक श्रमायुक्त व उनके अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी मजदूरों के कफन के 40.25 लाख रुपये खा गए। जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में सहायक श्रमायुक्त, सहायक लेखाकार व दो आपरेटरों समेत तेरह लोग दोषी पाए गए हैं। नगर कोतवाली में गुरुवार को 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की बर्खास्तगी हो सकती है।
जिलाधिकारी विवेक ने बताया कि गत माह मजदूर परिवार की छह महिलाओं ने अंत्येष्टि सहायता योजना में धांधली की लिखित शिकायत उनसे की थी। प्रथम दृष्टया सबूत मिलने पर जांच के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व, वरिष्ठ कोषाधिकारी व कादीपुर के उपजिलाधिकारी की तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी। टीम ने करीब माहभर पड़ताल की, जिसमें घोटाले की पुष्टि हुई। जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम ने बताया कि श्रम विभाग अंत्येष्टि सहायता योजना की सहायक श्रमायुक्त राम उजागिर यादव, सहायक लेखाकार अम्बरीश राय, आपरेटर ओंकार मौर्य व अभिषेक तिवारी आदि ने एक महिला व 18 पुरुष श्रमिकों के परिवारीजन की 40.25 लाख रुपये की सहायता राशि हड़प ली।
लाभार्थियों की बैंक खाता संख्या तक में फेरबदल किया गया। तत्कालीन डीएम संगीता सिंह के भुगतान संबंधी विवरण मांगने पर भी उसे अनदेखा करते हुए बैंकों में आई धनराशि एटीएम के जरिए फर्जी खातों से निकाल ली गई। डीएम ने बताया कि विभागीय कर्मियों ने पैसा हड़पने के लिए अपने परिवारीजन व निकटवर्तियों के नाम फर्जी खाते खुलवाए। नगर कोतवाली में श्रम प्रवर्तन अधिकारी की तहरीर पर सहायक श्रमायुक्त समेत तेरह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। विभागीय कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।