पूरे प्रदेश में दलित बस्तियों में आरएसएस के लोगों की मिलीभगत के चलते बड़े पैमाने पर उन्हें बाबा साहब के नाम पर गुमराह करने की खबरें आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संज्ञान में आयी हैं।
- इसको लेकर संघर्ष समिति ने अपने आन्दोलन की रूप रेखा को और धार देते हुए प्रदेश में 8 लाख आरक्षण समर्थकों को अलग-अलग जनपद/ब्लाक/ग्रामवार तत्काल प्रभाव से आज यह जिम्मेदारी सौंपी दी है।
- कि वह अपने कार्यों को समाप्त करने के बाद अनिवार्य रूप से 3 घण्टे चुनाव कार्य सम्पन्न होने तक दलित बस्तियों में लगातार भ्रमण करें व उन्हें 100 प्रतिशत एकजुट होकर मतदान करने और आरएसएस द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम के बहकावे में न आने हेतु जागरूक करें।
आरक्षण समर्थक सरकार बनने तक चुप नहीं बैठेंगे
- जब तक उप्र में आरक्षण समर्थक सरकार नहीं बन जाती तब तक सभी 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों को चैन से नहीं बैठना है।
- यह प्रदेश के लगभग 6 करोड़ हमारे समाज को कभी नहीं भूलना है कि आरएसएस के लोग आरक्षण को समाप्त करने हेतु षडयंत्र कर रहे हैं।
- आज उसी का नतीजा है कि पदोन्नति में आरक्षण का बिल पिछले लगभग ढ़ाई वर्ष से अधिक समय से लोकसभा में लम्बित है जिसके चलते लाखों दलित कार्मिकों का उत्पीड़न हो रहा है।
सबको बांटे गए अलग-अलग काम
- आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के प्रमुख संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सभी आरक्षण समर्थक शिक्षक जनपद/ब्लाक/ग्रामवार जागरूकता हेतु किये गये कार्यों की पूरी रिर्पोट प्रत्येक दिन कन्ट्रोल रूम को देते रहें।
- साथ ही कन्ट्रोल रूम के प्रभारियों के सम्पर्क में रहें और प्रत्येक दिन की पूरी सूचना कन्ट्रोल रूम प्रभारियों को उपलब्ध कराते रहें।
- गौरतलब है कि संघर्ष समिति द्वारा पहले ही चुनाव सम्पन्न होने तक 4 कन्ट्रोल रूम बनाये गये थे अब उसे बढ़ाकर 7 कर दिये गये हैं।
- फिलहाल सभी प्रभारियों के निजी मोबाइल नम्बर कन्ट्रोल रूम नम्बर के रूप में परिवर्तित रहेंगे।
- संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि 85 सुरक्षित सीटों पर आरक्षण समर्थकों द्वारा अपनी योजना के तहत जो रणनीति पूर्व से तय की गयी है।
- उसी के तहत वह जारी रहेगी और चुनाव सम्पन्न होने तक प्रत्येक रविवार को पूरे जन जागरण अभियान की समीक्षा की जायेगी।
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