पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत की ‘पाठशाला’ की तैयारी पूरी हो गई है. तय कार्यक्रम के अनुसार संघ प्रमुख 15 फरवरी की शाम वाराणसी पहुंचने वाले हैं और यह पहला मौका होगा जब संघ प्रमुख किसी संघ कार्यालय या स्कूल परिसर से इतर सरकारी भवन में अपना प्रवास पूरा करेंगे. मोहन भागवत के कार्यक्रम के मद्देनजर संघ और बीजेपी के तमाम पदाधिकारी वाराणसी के दीनदयाल ट्रेड फसिलटी सेंटर में जुटेंगे. हर साल जाड़े के मौसम में किसी प्रवास पर जाने वाले मोहन भागवत इस बार वाराणसी के दौरे पर हैं.

लोकसभा चुनाव पर रहेगी नजर

आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व वाराणसी के दौरे पर पहुंचने वाले मोहन भागवत का यह प्रवास काफी अहम माना जा रहा है. अतीत पर गौर करें तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी मोहन भागवत के वाराणसी प्रवास के दौरान ही पीएम मोदी को यहां से प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया गया था.

शीर्ष पदाधिकारियों के साथ मंथन करेंगे भागवत

सरसंघचालक 15 से 22 फरवरी तक शहर से करीब दस किलोमीटर दूर दीनदयाल ट्रेड फेसिलिटी सेंटर में प्रवास करेंगे और यहां 16 फरवरी से प्रतिदिन पदाधिकारियों की ‘क्लास’ लेंगे। पहले दिन काशी, गोरक्ष और अवध प्रांतों के प्रतिनिधियों के रूप में संघ और उसके सहयोगी संगठन के लोग शामिल होंगे। इस दौरान सरसंघचालक के साथ भैया जी जोशी, सुरेश सोनी व डा. कृष्ण गोपाल सरीखे दिग्गज नेता भी मौजूद रहेंगे.

बीजेपी से बैठक में ‘मास्टर प्लान’ बनाएगा संघ

सरसंघचालक मोहन भागवत के इस प्रवास के दौरान बीजेपी-संघ के बीच संगठन समन्वय की बैठक होगी. इस बैठक में बीजेपी की केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कई मंत्री शामिल होंगे. इसके साथ ही इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल, प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय, सीएम योगी आदित्यनाथ के भी इस बैठक में मौजूद रहने के कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में आगामी एक साल में मोदी सरकार की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए तय कार्यक्रमों का खांका खींचा जाएगा. इस बैठक के बाद मोहन भागवत वाराणसी के संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में 21 हजार स्वयंसेवकों को भी संबोधित करेंगे.

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें