आरएसएस ने भाजपा सरकार से लेकर संगठन तक फेरबदल की जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है. इस सिलसिले में अलग-अलग जिम्मेदारी निभाने वालों के मुल्यांकन का काम पूरा कर लिया गया है और इसके परिणाम घोषित करने की तैयारी हो रही है. माना जा रहा है दक मकर संक्रांति बाद परिणाम सामने आने लगंगे. बुधवार को यहां अलग-अलग चरण में बैठक की गई और इसपर विचार हुआ. प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय, संगठन मंत्री सुनील बंसल के अलावा भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी इस बैठक का हिस्सा रहे. जबकि संघ ने मुख्यमंत्री आवास पर संपन्न हुई समन्वय बैठक पर मंथन किया.
मंत्रिमंडल में फेरबदल तय
बतौर सरकार के प्रतिनिधि दिनेश शर्मा के सामने संगठन की अपेक्षाएं प्रस्तुत की हैं. इसमें कार्यकर्ताओं की तरफ से आने वाली शिकायतों से लेकर, जिला स्तर पर प्रशासन की तरफ से शिकायतों पर बिंदुवार चर्चा हुई है. इसके समाधान को लेकर काफी लम्बी मंत्रणा हुई. समन्वयक बनाये गए उन नामों पर भी चर्चा की गई जो जिले में कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. वहीँ मंत्री अनुपमा जायसवाल और कई संगठन के मंत्री भी इस दौरान चर्चा में शामिल हुए और सरकार के काम-काज का लेखा-जोखा भी दिया गया.
संघ का सन्देश, लापरवाहों पर सरकार करे कार्रवाई
जबकि संघ की तरफ से किरकिरी कराने वाले नेताओं और मंत्रियों को लेकर नाराजगी भी जाहिर की गई. उन्होंने फजीहत कराने वाले मंत्रियों को लेकर अपनी बात सरकार और भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के सामने रखी. संघ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि ऐसा चलने वाला रवैया नहीं होना चाहिए और जिम्मेदारी समझनी होगी. बिना इजाजत के गैरवाजिब बयान देने वालों पर भी संघ के तेवर तीखे रहे जिसपर सरकार ने कुछ घटनाओं को संज्ञान में लेने की बात कहकर स्पष्टीकरण दिया.
अफसर हो या मंत्री अगर लापरवाही पायी जाती है तो कार्रवाई की जानी चाहिए. सरकार की किरकिरी कराने वालों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए. आरएसएस ने स्पष्ट किया है कि सरकार अफसरशाही के दबाव में न आये और मुख्य मुद्दों पर काम करे तो बेहतर होगा. जाहिर है संघ द्वारा क्लास लगने के बाद अब भाजपा मंत्रिमंडल में बदलाव होना तय माना जा रहा है.
लोकसभा चुनाव 2019 निशाने पर
सरसहकार्रवाह दत्तात्रय हसबोले ने बुधवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के यहाँ भोजन पर बात की. माना जा रहा है कि इस दौरान सामाजिक समरसता पर बात हुई है. जबकि अफसरशाही पर भी बातचीत होने के संकेत मिले हैं. अगड़ी और पिछड़ी जातियों के बीच एकता भी मुख्य बिंदु रहा जिसपर चर्चा हुई. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से भाजपा पर दलितों का शोषण करने का आरोप भी लगता रहा है और कई भाजपा शासित राज्यों में विरोध भी देखने को मिला है. हिन्दुओं को एक करने और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सोशल इंजीनियरिंग पर भी काम करने पर बात हुई है ताकि चुनाव में विपक्षी दलों को मुश्किल में डाला जा सके.