उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ बड़े नेताओं और मंत्रियों से बेहद नाराज है। मुख्यमंत्री आवास में देर रात तक हुई समन्वय बैठक में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सरकार के कुछ मंत्रियों की अनुभवहीनता के चलते कामकाज न कर पाने और कई मामलों में सरकार की किरकिरी कराने को चिंताजनक बताया है। आरएसएस ने योगी सरकार और भाजपा संगठन के साथ तालमेल और कार्यकर्ताओं व जनता की उम्मीदों पर अमल व उपेक्षा को लेकर नाराजगी जताई है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में योगी सरकार के कुछ मंत्रियों और भाजपा के कुछ बड़े नेताओं की छुट्टी हो सकती है।
समन्वय बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संगठन मंत्री सुनील बंसल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा शामिल रहे। बैठक में अफसरों की कार्यशैली में बदलाव न होने, कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याओं पर ध्यान न देने और मनमानी ढंग से काम करने का मुद्दा भी उठाया है। मंत्रियों के विभागों में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश न लगाने की बात भी सामने आई है। संघ के बड़े पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र पांडेय और संगठन मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की हो रही उपेक्षा ठीक नहीं है। मंत्री और अफसरों को स्पष्ट हिदायत दी जाए कि यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ संवादहीनता की स्थिति पूरी तरह से समाप्त हो।
आरएसएस पदाधिकारियों ने कहा कि लापरवाही पर बिना किसी भेदभाव और किसी का समर्थन करते हुए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। संघ की तरफ से कहा गया कि अगर यही हालत रहे, तो आने वाले समय में जनता और कार्यकर्ताओं की नाराजगी संकट पैदा कर सकती है। ऐसी स्थिति में पुराने ढर्रे पर काम करने वाले अफसरों पर कार्रवाई करके समाज को संदेश देने की जरूरत है कि सरकार जनता की उम्मीदों और अपेक्षाओं पर खरी उतर रही है।
संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य संगठन से जुड़े लोगों से स्पष्ट कहा कि आपस में संवादहीनता बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए, इससे एक दूसरे के प्रति मनमुटाव बढ़ता है। यह संगठन के हित में नहीं है। अगर कहीं कोई असहमति है तो चर्चा की जानी चाहिए। समन्वय बैठक में आगामी मंत्रिमंडल और भाजपा संगठन के पुनर्गठन को लेकर भी चर्चा हुई। कहा गया कि जो लोग बेहतर काम कर रहे हैं उन्हें पदोन्नति दी जाए और जो लोग अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं उन्हें कहीं और समायोजित किया जाए। बैठक में ये भी इशारा किया गया कि विभागों में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से गलत संदेश जाता है। इससे समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में होने वाले फेरबदल में कुछ मंत्री हटाए जा सकते हैं और कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
संघ की तरफ से कहा गया कि आगामी वर्ष में लोकसभा चुनाव होने हैं जिनपर सबकी नजरें हैं। बेहतर रणनीति और सरकारी योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचा कर चुनाव में अच्छी सफलता प्राप्त की जा सकेगी। संघ के बड़े पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नाथ पांडेय को चुनाव को लेकर अच्छे ढंग से और प्रभावी तरीके से काम करने की नसीहत भी दी। कहा गया कि समय के अभाव की स्थिति में कम समय में ज्यादा काम की रणनीति बनाकर काम करना होगा। बैठक में कहा गया कि हम सब समाज के हित के लिए राजनीति कर रहे हैं। हमें विरोधियों को कोई मौका नहीं देना है जिससे वह हमारी कमजोरी का फायदा उठा सकें। हम सबको साथ चलकर जनता को सुशासन देना है। अंतिम पायदान के व्यक्ति के लिए भी योजनाएं चलानी हैं। इसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
समन्वय बैठक में सूबे में गतवर्ष हुए निकाय चुनाव में शानदार जीत का दावा करने वाले नेताओं को संघ ने आईना दिखाया है। नसीहत देते हुए कहा गया है कि ये जीत खुश होने वाली नहीं है। संघ की इस बात से समझा जा रहा है कि सरकार में शीर्ष स्तर पर दो-तीन लोगों के बीच बढ़ रही तकरार के चलते संवादहीनता न होने की बात कही गई है। संघ की तरफ से पार्टी कार्यकर्ताओं का समायोजन करने की बात भी कही गई। इसपर देरी के बजाय कर्मठ ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को काम करने का मौका दिया जाए। माना जा रहा है कि तमाम निगम और बोर्ड में कार्यकर्ताओं को स्थान दिये जाने की तरफ संघ ने इशारा किया है।