उत्तर प्रदेश की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और प्रदेश सरकार की समन्वय बैठक पर घोर आपत्ति दर्ज करायी है। राकापा इस गुप्त बैठक को जनता द्वारा चुने गए जनादेश का अपमान बताया।
देश को विभाजित करने वाला संगठन है आरएसएस
राकापा प्रदेश अध्यक्ष डॉ० रमेश दीक्षित ने कल देर रात हुयी इस बैठक पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए इससे उत्तर प्रदेश की जनता का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि संघ नेताओ के आगे पूरी सरकार नतमस्तक है। डॉ० दीक्षित ने आगे कहा कि प्रदेश की चुनी हुयी सरकार को परदे के पीछे से संघ रिमोट द्वारा नियंत्रित करता है। यही वजह है प्रदेश में योगी सरकार के सत्तारुण होते ही दलित पिछड़ों और अकलियत के हकों और उत्पीड़न के मामलो में तेजी आई है। उन्होंने आरएसएस को देश विभाजित करने वाली विचारधारा वाला एक गुप्त संगठन है।
महात्मा गांधी की संघ ने की थी निहत्थे हत्या
उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि संघ एक अलग विचारधारा वाला संगठन है जिसने निहत्थे महात्मा गांधी की हत्या की थी। उन्होंने संघ को एक ऐसा संगठन बताया जिसका सामाजिक न्याय सहित भारतीय लोकतंत्र और संविधान में कोई आस्था नहीं है, बल्कि वह सोच के स्तर पर मनुस्मृति से ज्यादा प्रभावित लगता है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था लगभग ध्वस्त हो गई, बेरोजगारी अपने चरम पर है और योगी सरकार संघ से उधार लिए गए जुमलो से जनता को भरमा रही है और प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रही है। राकपा के प्रदेश अध्यक्ष ने उक्त बैठक का मुख्यमंत्री आवास में होने को भी बेहद आपत्तिजनक बताया।
उत्तर प्रदेश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी परिसर में 11 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले गोरखपुर महोत्सव के लिए शासन की तरफ से लाखों रुपये स्वीकृत किए जाने की घोर आलोचना की है। राकापा ने योगी सरकार के इस कदम की कड़ी मुखालफत करते हुए इसे एक “बेशर्म सरकार” सरकार का एक बेहद गैरजिम्मेदाराना और अमानवीय कृत्य बताया।